नई दिल्ली: बुंदेलखंड में मछली के बीज समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नीली क्रांति योजना के तहत बुंदेलखंड में सात नई हेचरी बनाई जाएंगी.
दस लाख रूपये की राशि सरकार देगी
बता दें कि 25 लाख रूपये की लागत के साथ एक हेचरी बनेगी. इसमें दस लाख रूपये की राशि सरकार देगी. वहीं शेष 15 लाख रूपये मछली पालक को खुद ही लगने होंगे. नई हेचरी के बनने के बाद बुंदेलखंड में सात करोड़ बीज उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी.
बहरहाल, बुंदेलखंड में छह हेचरी है
बुंदेलखंड में डेढ़ लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में मछली का पालन हो रहा है. लेकिन पर्याप्त बीजू उत्पादन न होने के कारण लखनऊ, इलाहाबाद और कानपूर से बीज की सप्लाई की जा रहीं है. बुंदेलखंड में बहरहाल छह हेचरी है.
शासन ने किन-किन जगहों पर हेचरी निर्माण को बनाने की दी सहमती
वहीं अब शासन ने नीली क्रांति योजना से झांसी और ललितपुर में दो-दो और बांदा, चित्रकूट और महोबा में एक-एक नई हेचरी के निर्माण की मंजूरी दी है. अब इसे लक्ष्य में शामिल किया जा चुका है. बता दें कि झांसी और ललितपुर में एक-एक हेचरी बनकर तैयार हो चुकी है.
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एक हेचरी दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनेगी
बता दें कि बुंदेलखंड में जलाशयों और तालाबों में प्रति वर्ष औसतन लगभग 15 और 20 करोड़ मत्स्य बीज की खपत है. लेकिन यहां सिर्फ छह करोड़ बीज का उत्पादन हो रहा है. ये ही नहीं, नई हेचरी के निर्माण की लागत 25 लाख रूपये है. एक हेचरी दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में बनेगी. इसमें तीन कमरे भी बनाए जाएंगे. ट्यूबवेल भी लगेगा.