Sarfaraz Khan: सरफराज करेंगे सिलेक्टर्स के बुलावे का इंतजार, नजरअंदाज होने के बाद डोमेस्टिक सीजन में फिर बनेंगे आग

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Sarfaraz Khan: सरफराज करेंगे सिलेक्टर्स के बुलावे का इंतजार, नजरअंदाज होने के बाद डोमेस्टिक सीजन में फिर बनेंगे आग


Sarfaraz Khan: सरफराज करेंगे सिलेक्टर्स के बुलावे का इंतजार, नजरअंदाज होने के बाद डोमेस्टिक सीजन में फिर बनेंगे आग

नई दिल्ली: सरफराज का अर्थ ऊंचा, ऊंचे कद का, बुलंद, प्रतिष्ठित होता है। मुंबई के क्रिकेटर सरफराज खान के हौसले तो बुलंद हैं और वह क्रिकेट के दुनिया में प्रतिष्ठित होने के लिए हर वह काम भी कर रहे हैं जिसकी अपेक्षा एक युवा क्रिकेटर से की जाती है। मगर, ऐसी ‘अफवाह’ है कि कद-काठी उनके आगे बढ़ने में आड़े आ रही है। घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बावजूद 25 साल के इस बल्लेबाज को नैशनल सिलेक्टर्स लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। वैसे सरफराज के करीबियों का कहना है कि यह युवा थोड़े समय के लिए हताश होने के बाद एक बार फिर अगले सीजन के लिए कमर कस चुका है। वह फिर से ढेर सारे रन बनाकर सिलेक्टर्स के बुलावे का इंतजार करेगा। सरफराज 5 जुलाई से होने वाले दलीप ट्रोफी सेमीफाइनल के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।प्रतिक्रिया देना काम नहीं: सरफराज के पिता नौशाद खान खुद क्रिकेटर रह चुके हैं और बेटे के पहले कोच भी वही हैं। NBT ने जब नौशाद से बेटे को नहीं सिलेक्ट करने पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा, ‘प्रतिक्रिया देना हमारा काम नहीं। किसी भी बल्लेबाज का कम रन बनाना और मैच जीतना होता है।’ इसके अलावा उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। सरफराज भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलने के बजाय बल्ले से बात करने की ठानी है।

गलत बात फैलाई: सरफराज के कुछ अन्य करीबियों ने इस मुद्दे पर सीधे तौर पर बात तो नहीं की, लेकिन इस बात को लेकर खफा दिखे कि उनके बारे में गलत बातें फैलाई जा रही हैं। उनके एक साथी ने कहा कि पिछले सीजन में दिल्ली के खिलाफ सेंचुरी बनाने के बाद सरफराज ने आक्रामक तरीके से जश्न जरूर मनाया था, लेकिन यह किसी को अपमानित करने के लिए नहीं था। यहां तक कि पहले जो कहा गया कि वह स्टेडियम में बैठे तत्कालीन चीफ सिलेक्टर की ओर उंगली दिखा रहे थे, गलत है। दरअसल, उस मैच में चेतन तो थे ही नहीं। सरफराज की 125 रन की पारी पर तो कोच अमोल मजूमदार ने अपनी कैप उतारकर उन्हें शाबाशी दी थी।

फिटनेस समस्या नहीं: सरफराज से जुड़े एक एक्सपर्ट ने कहा कि उनकी फिटनेस को लेकर भी गलत बातें फैलाई जा रही हैं। वह फर्स्ट क्लास मैच में चार या पांच दिन फील्ड पर रहते हैं और बैटिंग करते हुए लंबी-लंबी पारियां भी खेलते हैं। उनके नाम फर्स्ट क्लास में तिहरा शतक (301*) भी है। वह एक शानदार फील्डर भी हैं। सरफराज यो-यो टेस्ट पास करने के लिए जरूरी 16.5 का स्कोर भी हासिल कर चुके हैं। ऐसे में उनकी फिटनेस पर भी सवाल नहीं उठाए जा सकते। एक कोच ने कहा कि दुनिया में सरफराज की कद-काठी के कई बड़े क्रिकेटर हो चुके हैं। अर्जुन रणतुंगा और डेविड बून को आसानी से याद किया जा सकता है।

कॉम्बिनेशन एक वजह: सरफराज खान को भारतीय टीम में क्यों सिलेक्ट नहीं किया जा रहा है, इसका जवाब तो सिलेक्टर ही दे सकते हैं। मगर, शायद टीम कॉम्बिनेशन को देखते हुए उनकी जगह नहीं बन रही है। सरफराज पांचवें नंबर पर बैटिंग करते हैं। टेस्ट टीम में फिलहाल अजिंक्य रहाणे उस जगह पर उतरते हैं। रहाणे बीच में बाहर हुए थे, लेकिन वापसी पर उन्होंने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में एक अच्छी पारी खेली है। ऐसे में उनको ड्रॉप करना मुश्किल था। सरफराज को लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा और अपनी बारी का इंतजार करना होगा। सरफराज को अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं के दरवाजे पर महज दस्तक नहीं देनी होगी बल्कि ऐसा खेल दिखाना होगा कि दरवाजा ही ध्वस्त हो जाए।
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