Sanjay Raut: मैं तो जेल गया फिर भी पार्टी नहीं छोड़ी, संजय राउत ने गजानन कीर्तिकर की निष्ठा पर उठाये सवाल

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Sanjay Raut: मैं तो जेल गया फिर भी पार्टी नहीं छोड़ी, संजय राउत ने गजानन कीर्तिकर की निष्ठा पर उठाये सवाल

Sanjay Raut: मैं तो जेल गया फिर भी पार्टी नहीं छोड़ी, संजय राउत ने गजानन कीर्तिकर की निष्ठा पर उठाये सवाल

मुंबई: सांसद गजानन कीर्तिकर के एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde) में जाने के बाद से वह ठाकरे गुट के निशाने पर आ चुके हैं। शिवसेना (Shivsena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कीर्तिकर पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी पार्टी के सारे महत्वपूर्ण पद और लाभ लेने के बाद निकल जाता है तब उसकी तो पार्टी के प्रति उसकी निष्ठा का सवाल पैदा होता है। संजय राउत ने कहा कि पांच बार वह विधायक रहे, दो बार सांसद रहे, मंत्री पद भी उन्हें दिया गया था। ऐसे में और किस चीज की लालसा उन्हें थी। उम्र के इस पड़ाव पर उनका पार्टी छोड़ कर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। संजय राउत ने कहा कि मुझे तो जेल में डाला गया तीन महीने तक मैं जेल में रहा, वह भी बिना किसी कारण के बावजूद इसके मैंने अपनी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। संकट के समय जो अपनी पार्टी और अपने परिवार के साथ खड़ा रहता है वही सच्चा निष्ठावान होता है। संजय रावत ने कहा कि गजानन कीर्तिकर (Gajanan Kirtikar) को कुछ दिनों में लोग भूल जाएंगे।

पिता ने पार्टी छोड़ी लेकिन बेटा हमारे साथ
संजय राउत ने कहा कि गजानन कीर्तिकर ने भले ही उद्धव ठाकरे गुट को छोड़ दिया है लेकिन उनके बेटे अमोल कीर्तिकर आज भी हमारे साथ हैं। अमोल ने अपने पिता को भी समझाने का काफी प्रयास भी किया था लेकिन वह कुछ भी समझने को तैयार नहीं थे। गजानन कीर्तिकर दोबारा चुनाव जीतकर नहीं आएंगे। एकनाथ शिंदे गुट के कितने लोग चुनाव जीतते हैं हम भी देखते हैं। संजय राउत ने कहा कि हमारी पार्टी का चिन्ह छीना गया, नाम छीन गया। बावजूद इसके अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव में रुक जा लडके को 68 हजार वोट मिले हैं। इससे पता चलता है की लोगों का समर्थन हमारे साथ है।

पीएम और राष्ट्रपति पर अभद्र टिप्पणी स्वीकार नहीं होगी
संजय राउत ने कहा कि जिस तरह की टिप्पणी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर की गई वह बिल्कुल गलत है चाहे राष्ट्रपति हुए या फिर प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को कोई हक नहीं है कि वह ऐसे पदों पर बैठे लोगों पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी करे। हमारा देश इस तरह की बातों को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा। हमारी पार्टी भी इस तरह की गतिविधियों से इत्तेफाक नहीं रखती है।

कीर्तिकर के जाने से ठाकरे को कितना नुकसान
गजानन कीर्तिकर के एकनाथ शिंदे गुट में जाने से उद्घव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका लगा है। इसका असर इसका असर यह होगा कि आने वाले बीएमसी चुनाव साथ ही साल 2024 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में ठाकरे गुट को एकनाथ शिंदे और बीजेपी से कड़ी टक्कर मिलेगी। अब तक गजानन कीर्तिकर ने उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट पर अपना प्रभुत्व जमाकर रखा था। जिसका सीधा फायदा शिवसेना को मिलता था। जिसके चलते विधानसभा और बीएमसी चुनाव में शिवसेना को काफी फायदा होता था।

हालांकि, कीर्तिकर के शिंदे गुट में जाने से उनकी उद्धव ठाकरे की मुश्किलें इस इलाके में बढ़ना तय माना जा रहा है। बीएमसी चुनाव में गजानन कीर्तिकर का फायदा बीजेपी को अच्छे खासे ढंग से मिल सकता है। कहने को तो कीर्तिकर रहेंगे एकनाथ शिंदे के साथ लेकिन फायदा सीधे बीजेपी को होगा।

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