Sahara India Victim : ’35 लाख रुपये जमा करवाए, पति की मौत के बाद भी नहीं मिले, बिटिया की शादी कैसे करूंगी’ h3>
मंगलेश्वर गजभिये, जबलपुर : सहारा इंडिया के निवेशक अपने पैसे के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। कई ऐसे लोगों भी हैं, जिन्होंने दूसरे के पैसे भी सहारा इंडिया में लगवा दिया है। ऐसे में दूसरे निवेशक भी अब एजेंट को ही परेशान (Sahara india ruined me) कर रहे हैं। सहारा इंडिया के ऑफिस में उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिलता है। जबलपुर से 30 किलोमीटर दूर शहपुरा तहसील में रहने वाली मंजू मालवीय (Manju Malviya pain) ने नवभारत टाइम्स.कॉम के साथ अपना दर्द साझा किया है। उन्होंने बताया है कि हमारे 35 लाख के करीब रुपये सहारा में फंसे हुए हैं, बिटिया की शादी करनी है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
निवेशक मंजू मालवीय ने कहा कि कई वर्ष पूर्व सहारा में अपनी जमा पूंजी ये सोच कर निवेश की थी कि भविष्य में उन्हें अच्छी खासी रकम मिलेगी। उन रुपयों से वो अपने बच्चों का भरण पोषण करेंगी। सालों बीत जाने के बाद भी पीड़िता मंजू को सहारा इंडिया में निवेश की गई रकम नहीं मिली है। जब भी वो अपना रुपया लेने सहारा ऑफिस जाती हैं तो उन्हें रुपया शीघ्र मिलने की बात कह कर टरका दिया जाता है। पीड़िता का कहना है कि उनके पति पिछले 35 साल से सहारा इंडिया में काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पति की मौत के बाद भी सहारा इंडिया ने परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता देने से मना कर दिया। पीड़िता का ये भी कहना है कि उनकी एक बच्ची मानसिक रोगी है, जिसके इलाज के लिए रुपये न होने के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पीड़िता मंजू मालवीय ने भी कहा कि उनके पति सहारा इंडिया में काम करते थे। उन्होने अपने परिचितों सहित कई लोगों का रुपया सहारा में निवेश कराया। आज लोग पैसे लेने के लिए बार-बार घर का दरवाजा खटखटाते हैं। पति का सिर से साया उठने के बाद अब घर की सारी जवाबदारी मेरे ऊपर आ गई है। परिवार में पीड़िता की दो बेटियां और एक बेटा है।
Sahara India Video : ‘सहारा इंडिया में 15 लाख फंसे हैं, किराए के घर में रह रही हूं, पैसे मांगने पर जलील किया जाता’
उन्होंने कहा कि उनका भविष्य बनाने के लिए आज रुपये नहीं हैं। पैसे न होने की वजह से आज उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। मंजू मालवीय ने कहा कि सहारा इंडिया के स्थानीय आफिस में वर्षो से चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी उन्हें उनका रुपया नहीं मिल पा रहा है।
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निवेशक मंजू मालवीय ने कहा कि कई वर्ष पूर्व सहारा में अपनी जमा पूंजी ये सोच कर निवेश की थी कि भविष्य में उन्हें अच्छी खासी रकम मिलेगी। उन रुपयों से वो अपने बच्चों का भरण पोषण करेंगी। सालों बीत जाने के बाद भी पीड़िता मंजू को सहारा इंडिया में निवेश की गई रकम नहीं मिली है। जब भी वो अपना रुपया लेने सहारा ऑफिस जाती हैं तो उन्हें रुपया शीघ्र मिलने की बात कह कर टरका दिया जाता है। पीड़िता का कहना है कि उनके पति पिछले 35 साल से सहारा इंडिया में काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पति की मौत के बाद भी सहारा इंडिया ने परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता देने से मना कर दिया। पीड़िता का ये भी कहना है कि उनकी एक बच्ची मानसिक रोगी है, जिसके इलाज के लिए रुपये न होने के कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पीड़िता मंजू मालवीय ने भी कहा कि उनके पति सहारा इंडिया में काम करते थे। उन्होने अपने परिचितों सहित कई लोगों का रुपया सहारा में निवेश कराया। आज लोग पैसे लेने के लिए बार-बार घर का दरवाजा खटखटाते हैं। पति का सिर से साया उठने के बाद अब घर की सारी जवाबदारी मेरे ऊपर आ गई है। परिवार में पीड़िता की दो बेटियां और एक बेटा है।
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उन्होंने कहा कि उनका भविष्य बनाने के लिए आज रुपये नहीं हैं। पैसे न होने की वजह से आज उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है। मंजू मालवीय ने कहा कि सहारा इंडिया के स्थानीय आफिस में वर्षो से चक्कर काट रहे हैं लेकिन अभी उन्हें उनका रुपया नहीं मिल पा रहा है।