Right to Health Bill : सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल, सोमवार से मेडिकल भी बंद

6
Right to Health Bill : सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल, सोमवार से मेडिकल भी बंद

Right to Health Bill : सरकार और चिकित्सकों के बीच वार्ता विफल, सोमवार से मेडिकल भी बंद


जयपुर: राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर रविवार 26 मार्च को दोपहर 3 बजे डॉक्टर्स प्रतिनिधियों की अफसरों के साथ वार्ता हुई। इस वार्ता के दौरान डॉक्टरों ने सरकारी अधिकारियों की कोई बात नहीं सुनी। डॉक्टरों ने दो टूक कहा कि उन्हें राइट टू हेल्थ बिल मंजूर नहीं है, इसे वापस लीजिए। इतना कहकर डॉक्टर बैठक से उठे और सचिवालय से बाहर चले गए। प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि हम सचिवालय में वार्ता करने गए थे। हमने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है। हम मुख्यमंत्री के अलावा किसी से बात नहीं करेंगे। चूंकि मुख्यमंत्री दिल्ली गए हुए थे। ऐसे में वे बैठक में शामिल नहीं हो सके।

27 मार्च सोमवार को ऑल इंडिया मेडिकल बंद का आह्वान

राइट टू हेल्थ बिल का विरोध देशभर में हो रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सोमवार 27 मार्च को ऑल इंडिया मेडिकल बंद का आह्वान किया गया है। सभी डॉक्टर्स अपनी मेडिकल सर्विस बंद रखेंगे। एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शरद अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान के डॉक्टरों के आन्दोलन को समर्थन देते हुए देशभर में मेडिकल बंद का आह्वान किया गया है। 27 मार्च को जयपुर में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रदेशभर के हजारों डॉक्टर शामिल होंगे।

BJP ने पहले गुजरात में जातिगत कार्ड खेला, अब देश में खेल रहे… 2017 के चुनाव का जिक्र कर आखिर ऐसा क्यों बोले CM गहलोत

29 मार्च को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे सरकारी डॉक्टर

सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स और रेजिडेंट्स भी निजी अस्पताल संचालकों के समर्थन में उतर आए हैं। पिछले तीन दिन से सेवारत डॉक्टर और रेजिडेंट्स दो दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। अब 29 मार्च को प्रदेश के सभी सेवारत डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा कि हम 29 मार्च को प्रदेशभर में एक दिवसीय सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। अगर ऐसा होता है तो 29 मार्च को पीएचसी, सीएचसी और उप जिला अस्पतालों में भी चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित होंगी क्योंकि ज्यादातर सेवारत डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर होते हैं और वे इस एसोसिएशन से जुड़े हए हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की यह अपील

इधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील करते हुए कहा है कि राइट टू हेल्थ बिल में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो आमजन तो त्वरित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में कारगर होंगे। इस अधिनियम की भावना है कि आमजन को राहत मिले और चिकित्सक समुदाय को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिनियम को लेकर ऐसी भ्रामक चर्चाएं हैं कि निजी चिकित्सा संस्थानों पर नौकरशाही का अनावश्यक नियंत्रण बढ़ेगा। चिकित्सक और मरीज के रिश्ते प्रभावित होंगे।

Navbharat Times -राइट टू हेल्थ बिल में एक शब्द पर अटकी है सारी बात, क्या हल निकाल पाएगी गहलोत सरकार ?

गहलोत ने कहा कि डॉक्टर मानवीय दृष्टिकोण को देखते हुए कार्य बहिष्कार और हड़ताल को शीघ्र खत्म करें। जनता से जुड़े इस ऐतिहासिक कानून को लागू करने में डॉक्टर समुदाय अपना सहयोग प्रदान करें। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News