Rajasthan : बाढ़ की त्रासदी ने 30 साल पीछे धकेला हाडौती को, 5 हजार करोड की जरूरत, इन इलाकों में केंद्रीय टीम जुटी है सर्वे में

61

Rajasthan : बाढ़ की त्रासदी ने 30 साल पीछे धकेला हाडौती को, 5 हजार करोड की जरूरत, इन इलाकों में केंद्रीय टीम जुटी है सर्वे में

हाइलाइट्स

  • 3500 करोड की फसलें तबाह, इंफ्रास्ट्रक्चर में सडकें, पुलियाएं व ड्रेनेज सिस्टम, बिजली-पेयजल, सिंचाई तंत्र ध्वस्त
  • किसानों को कम से कम 2000 करोड का दे मुआवजा, बाकी पैकेज इंफ्राटक्चर पर खर्च
  • कोटा संभाग में अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दो दलों ने शुरू किया बाढग्रस्त इलाकों का सर्वे
  • जताई बाढ़ग्रस्त इलाकों में हुई बर्बादी को लेकर चिंता

अर्जुन अरविंद
कोटा। राजस्थान के कोटा – हाड़ौती संभाग को अतिवृष्टि और बाढ़ की त्रासदी ने 30 साल पीछे धकेल दिया। यहां कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड जिलों के गांव-गांव को बाढ़ के बाद हुई भारी तबाही ने जहां सरकारी संपतियों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं आमजन, व्यापारी से लेकर किसानों तक को आर्थिक आघात पहुंचा दिया है। खेत दर खेत फसलें तबाह हो गईं। गांवों में सैंकड़ों मकान ढह गए। कपडे-बर्तन बह गए। मवेशियों की अकाल मौत हो गई। गांव की सडके टूट गई। पुलियाये-रपटे टूट गई। बिजली, पेजयल व सिंचाई का तंत्र और ड्रेनेज सिस्टम का इंफ्राटक्चर ध्वस्त हो गया। गुरूवार को कोटा संभाग की बाढ़ का जायजा लेने केंद्र सरकार के अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दो दल भी सर्वे के लिए यहां पहुंचे हैं। वहीं उनसे क्षेत्रीय किसान प्रतिनिधियों ने विशेष आर्थिक पैकेजों की मांग की है। एक्सपटर्स की मानें, तो केंद्र से पांच हजार करोड रूपए से विशेष आर्थिक पैकेज मिलने के बाद ही कोटा संभाग को दोबारा खड़े होने के लिए संबल मिलेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय टीम आज बूंदी-झालावाड़ जिले के गांवों में नुकसान का सर्वे करेगी।

navbharat times -15 अगस्त से पहले इंटेलिजेंस का चौंकाने वाला खुलासा, फेक आर्मी आईडी के साथ पकड़ा गया युवक, 1 महीने से होटल में था ठहरा

किसानों को सता रहा है डर
किसान प्रतिनिधियों का केंद्र सरकार को चेताते हुए कहना है कि अगर सरकार ने नुकसाान की भरपाई के रूप में मुआवजा नहीं दिया, तो किसानों की तो सीधी जमीनें केसीसी, सहकारी, आढतियों से लिए कर्ज के लगान में चली जाएगी। यह डर हर उस किसान को सता रहा हैं, जिसकी खेतों में फसलेें नष्ट हो गई। आज हाडौती में सैकडों परिवार ऐसे हैं, जिनके सिर ढकने को छत नहीं, तन ढकने को कपडा नहीं, खाने को दाने व बर्तन नहीं, सोने को बित्तर नहीं। आश्रय स्थलों में बाढ चली जाने के बाद शरण लिए हुए हैं।

गहलोत सरकार के मंत्रियों से लेकर केंद्र की टीम तक की नजर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर जिला प्रभारी मंत्रियों लालचंद कटारिया, प्रसादीलाल मीणा व टीकाराम जूली, प्रमोद जैन भाया ने भी बाढ़ग्रस्त इलाके का दौरा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी जमीनी व हवाई सर्वे कर नुकसान पर गहरी चिंता जताई। वहीं केंद्रीय टीम भी यहां हुए नुकसान का सर्वे ले रही है।

navbharat times -Kota News: कोटा से लापता हुए IFS अफसर आलोक गुप्ता मिले, 4 घंटे बाद पुलिस ने ढूंढ़ा, सेंचुरी का रास्ता भूलने की बात सामने आई

किसान प्रतिनि्धियों का बताया – सिर्फ 1 लाख हैक्टेयर फसलें ही बची
राष्ट्रीय किसान संगठन के राष्ट्रीय मंत्री जगदीश शर्मा ने कहा कि हाडौती में किसानों ने इस बार 10 लाख 42 हजार हैक्टेयर में फसलें बोई। अतिवृष्टि व बाढ से मुश्किल से 1 लाख हैक्टेयर फसलें तबाह होने से बची हैं। सोयाबीन व उडद लगभग खत्म हो चुकी। किसान अब सिर्फ धान पर निर्भर है। वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दुलीचंद बोरदा ने कहना है कि सरकार का आंकडा 3 लाख 66 हजार हैक्टेयर में फसलें तबाह होने का हैं। जबकि गांवों में जाने पर नजर आ रहा हैं, 5 लाख से ज्यादा हैक्टेयर में फसल खत्म हो गई। 3000 से 3500 करोड रूपए की फसल बर्बाद हुई। सरकार को चाहिए वह मजदूरों को मरेगा में 100 दिन की बजाए 200 दिन का काम देवें।

मजदूरों के साथ व्यापारियों को आर्थिक संबल मिले
बाढ ने करोडों का व्यापार चौपट हो गया हैं। लोगों की आजीविका छीन गई है। सांगोद कस्बे के व्यापार संघ के अध्यक्ष ओम मेहता ने कहा। अकेले कस्बे में ₹50 करोड़ से ज्यादा का बाढ़ ने व्यापारियों का नुकसान किया है। कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष कांति जैन ने कहा हाडोती में यह नुकसान कई सौ करोड़ का है। सरकार व्यापारियों की भी आर्थिक मदद करें।

3 kota.

तुरंत आपतियां लेवें और राहत पहुंचाई जाएं
हाडौती किसान यूनियन के महामंत्री दशरथ कुमार शर्मा ने कहा केंद्र सरकार को चाहिए तीन दिन में अंदर मंत्रालयिक केंद्रीय दल का सर्वे कंपलीट हो। 3 दिन सर्वे पर आपत्तियां लेवें। इसके बाद तत्काल प्रभाव से नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक पैकेज तय करके उसे जारी करें। बर्बाद हुए लोगों को सरकारों से तुरंत आपदा राहत की जरूरत हैं। फसल खराबें का बीमा क्लेम भी जारी करें। आपदा राहत प्रबंधन से मुआवजा दिलाया जाए।

navbharat times -Rajasthan flood : वसुंधरा राजे आज से हाड़ौती के बाढ़ प्रभावित इलाकों का करेंगी दौरा, गृह क्षेत्र में 3 दिवसीय दौरे के बाद सीधे जाएंगी दिल्ली

400 साल पुराने गिरधरपुरा गांव के ग्रामीणों ने कहा सरकार गांव का विस्थापन कर देवें, कुछ नहीं बचा बाढ में
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के आग्रह पर केंद्र सरकार ने बुधवार को कोटा संभाग बाढग्रस्त इलाके सर्वे के लिए अंतर मंत्रालयिक केंद्रीय दो दलों को भेजा। एक दल में तीन-तीन सदस्य हैं। पहले दिन गुरूवार को केंद्रीय दल ने कोटा व बारां जिले के बाढग्रस्त इलाकों का सर्वे किया। दलों के साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहें। केंद्रीय दल ने स्थानीय प्रशासन के द्वारा किए गए राहत कार्यों को प्रबंध को देखा। राहत शिविरों में जाकर प्रभावित लोगों की जनसुनवाई की। 400 साल से बसे गिरधरपुरा गांव के ग्रामीणों ने कहा आज तक यहां जलप्लावन की स्थिति नहीं रही। लेकिन नदी के बहाव ने गांवों को उजाडकर रख दिया। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से केंद्रीय दल के सामने मांग रखी, गांव का विस्थापन करके अन्यत्र बसा दें।

4 kota

केंद्रीय टीम ने दिया जिला प्रशासन को सुझाव, विस्तृत रिपोर्ट का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय दल के सदस्यों ने नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट बनाने की बात कही है। टीम ने सरकार को प्रस्ताव के रूप में भिजवाने का सुझाव स्थानीय जिला प्रशासन को दिया है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके।

Rajasthan news : वसुंधरा राजे ने किया बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा, सीएम गहलोत पर जमकर बरसी

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News