Pv Sindhu vs Umpire: आंखों में आंसू, चेहरे पर गुस्सा… अंपायर पर भड़कीं पीवी सिंधु, सपना हो गया चकनाचूर

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Pv Sindhu vs Umpire: आंखों में आंसू, चेहरे पर गुस्सा… अंपायर पर भड़कीं पीवी सिंधु, सपना हो गया चकनाचूर

नई दिल्ली: पीवी सिंधु का एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने का सपना टूट गया। फिलीपींस की राजधानी मनीला में जारी इस टूर्नामेंट में रविवार को जमकर ड्रामा हुआ। भारत की दो बार की ओलिंपिक मेडलिस्ट चेयर अंपायर पर भड़क गई। आंखों में आंसू लेकर जब वह गुस्से से तमतमाए चेहरे के साथ अंपायर से भिड़ रहीं थीं तो उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ निष्पक्ष अंपायरिंग ही थी।

क्या है पूरा मामला?
सेमीफाइनल में सिंधु का सामना जापान की अकाने यामागुची से था। सिंधु पहला गेम जीतने के बाद दूसरे गेम में जब 14-11 से आगे थी तो उन पर सर्विस करते हुए बहुत अधिक समय लेने के लिए एक अंक की ‘पेनल्टी’ लगाई गई। हैदराबाद की इस 26 वर्षीय खिलाड़ी की इसके बाद लय गड़बड़ा गई और आखिर में वह 21-13, 19-21, 16-21 से हार गई। इस तरह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा जो इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में उनका दूसरा पदक है।

धीमी सर्विस से शुरू हुआ विवाद
सिंधु ने शनिवार को मैच के बाद कहा, ‘अंपायर ने मुझसे कहा कि आप बहुत समय ले रही हो, लेकिन विपक्षी खिलाड़ी उस समय तैयार नहीं थी। मगर अंपायर ने अचानक उसे अंक दे दिया और यह वास्तव में अनुचित था। मुझे लगता है कि यह मेरी हार का एक कारण था। मेरा कहने का मतलब है मुझे ऐसा लगता है क्योंकि उस समय स्कोर 14-11 था और वह 15-11 हो सकता था, लेकिन इसके बजाय यह 14-12 हो गया, इसके बाद उसने लगातार अंक बनाए। मुझे लगता है कि यह बहुत अनुचित था। हो सकता था कि मैं मैच जीत जाती और फाइनल में खेलती।’

पिता से बात कर रोने लगीं
सिंधु ने कहा, ‘मैंने मुख्य रेफरी से बात की, वह आए और उन्होंने कहा कि फैसला पहले ही हो चुका है। मुख्य रेफरी के रूप में आपको कम से कम यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि गलती क्या थी। उन्हें रीप्ले देखकर इसको लेकर फैसला करना चाहिए था।’’ सिंधु के पिता पीवी रमना ने कहा कि सिंधु इस फैसले से बेहद निराश है। उसे इस बार गोल्ड जीतने का भरोसा था। जब उसने मुझसे बात की तो वह रो रही थी, लेकिन मैंने उससे कहा कि जो हो गया उसे भूल जाओ।’

मेडल लेने भी नहीं पहुंचीं
रमन्ना ने कहा, ‘अंपायर ने जो किया वह सही नहीं था, अगर वह देरी कर रही थी तो पहले उसे पीला कार्ड दिखाकर चेतावनी दी जानी चाहिए थी। कम से कम एक अंक से दंडित किए जाने पर उसे लाल कार्ड दिखाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।’ कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधु कांस्य पदक स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उन्होंने पदक समारोह में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन इस खिलाड़ी ने पदक के साथ तस्वीर ट्वीट करके इन अटकलबाजियों पर विराम लगा दिया। सिंधू ने ट्वीट किया, ‘‘पीड़ादायक अभियान के आखिर में पदक हमेशा विशेष होता है। यह इससे बेहतर हो सकता था। अब निगाह अगली प्रतियोगिता पर है।’



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