Pullela Gopichand: भारतीय बैडमिंटन में होने जा रही है क्रांति, पुलेला गोपीचंद के इस बयान से समझिए कैसे

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Pullela Gopichand: भारतीय बैडमिंटन में होने जा रही है क्रांति, पुलेला गोपीचंद के इस बयान से समझिए कैसे


Pullela Gopichand: भारतीय बैडमिंटन में होने जा रही है क्रांति, पुलेला गोपीचंद के इस बयान से समझिए कैसे

नई दिल्ली: दुनिया के टॉप खेल ब्रांडों में शुमार योनेक्स ने घोषणा की है कि वह अब देश में ही उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेफाइट रैकेट का निर्माण करेगा। इसके साथ ही योनेक्स ने कहा कि वह भारत में अपनी मौजूदा उत्पादन योजना और आधार का विस्तार करेगा जिससे कि इससे उच्च गुणवत्ता वाले फुल बॉडी रैकेट की कीमतों में काफी गिरावट आएगी। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी वैश्विक मंच पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं और देश के लिए कई बड़े खिताब जीत रहे हैं, जिसमें ऐतिहासिक थॉमस कप जीत के साथ-साथ विश्व चैंपियनशिप और अन्य इंटरनेशनल इवेंट्स जैसे ओलंपिक, एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतना शामिल है।

इस तरह के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने भारत में बैडमिंटन को सुर्खियों में ला दिया है और इसी कारण इसमें महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी काफी हद तक बढ़ गई और उसी ने बैडमिंटन को भारत का दूसरा सबसे अधिक लोकप्रिय खेल बना दिया है। नए रैकेट का अनावरण योनेक्स जापान के अध्यक्ष बेन योनेयामा, योनेक्स इंडिया के अध्यक्ष आर. हनावा, सनराइज स्पोर्ट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विक्रमादित्य धर और भारत के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद की उपस्थिति में किया गया।

बैडमिंटन की बढ़ती लोकप्रियता के परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता वाले रैकेट्स की मांग आसमान छू रही है और बैडमिंटन के लिए बाजार हिस्सेदारी में 10-15% की वृद्धि देखी जा रही है। भारत में रैकेट का उत्पादन यह भी सुनिश्चित करेगा कि उत्पाद की कीमत मौजूदा बाजार दरों की तुलना में 20-30% कम हो जाएं और इसका सीधा फायदा होगा।

राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने वैश्विक मंच पर भारतीय बैडमिंटन के विकास में योनेक्स द्वारा निभाई गई भूमिका को भी प्रमुखता से रेखांकित किया। गोपीचंद ने कहा कि भारत में ग्रेफाइट रैकेट बनाने संबंधी नई पहल भारतीय बैडमिंटन को सशक्त बनाने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।

गोपीचंद ने कहा, ‘योनेक्स सनराइज ने भारतीय बैडमिंटन में बहुत बड़ा बदलाव किया है। चाहे वह 2008 हो- जब भारत इस खेल में ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में पहुंचा था या 2010 राष्ट्रमंडल खेल हो- जहां हमने शानदार प्रदर्शन किया। 2012 में भारत को पहला ओलंपिक पदक जीतने की दिशा में योनेक्स सनराइज का काफी सपोर्ट था। योनेक्स बीते दो दशक से विश्व बैडमिंटन में भारत की सफलता की कहानी का एक अभिन्न अंग रहा है।’

योनेक्स ने 2016 में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत बेंगलुरु में एक कारखाना स्थापित किया था लेकिन अब तक वह वहां केवल एल्यूमीनियम टी-ज्वाइंट रैकेट का उत्पादन कर रही थी, जो फिटनेस या मनोरंजन के उद्देश्य से खेलने वाले लोगों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। कंपनी का लक्ष्य मौजूदा टी-ज्वाइंट रैकेट के उत्पादन को 10 लाख से बढ़ाकर 25 से 30 लाख प्रति वर्ष तक करना है।

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