Prostate Treatment: 50 से 60 साल की उम्र के बीच आधे पुरुषों को ’प्रोस्टेट‘ समस्या
Prostate Treatment:प्रोस्टेट जागरूकता माह में विशेषज्ञों ने किया जागरूक
Half of men between the ages of 50 and 60 have a ‘prostate’ problem
Prostate Treatment:
50 से 60 साल की उम्र के बीच लगभग आधे पुरुषों को प्रोस्टेट (बीपीएच या बेनाईन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया) की समस्या हो सकती है। 80 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लगभग 90 प्रतिशत लोगों को बीपीएच हो जाता है। इतने विस्तृत स्तर पर मौजूद होने के बाद भी मरीजों को इस स्थिति का अनुमान नहीं होता और वो इसे बढ़ती उम्र का हिस्सा मानते हैं। अधिकांश लोग समस्या को तब पहचानते हैं, जब यह काफी बढ़ जाती है। यह जानकारी प्रोस्टेट जागरूकता माह में लोगों को जागरूक करते हुए विशेषज्ञों ने दी। इटरनल हॉस्पिटल के यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. रवि गुप्ता ने बताया कि बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर के बीच कोई संबंध नहीं है। बीपीएच के कई इलाज हैं।
इन बातों का रखें खयाल बीपीएच के लिए एक्टिव सर्वियलेंस (सावधानी पूर्वक निगरानी) करने की जरूरत होती है। कुछ मामलों में दवाई से काम चल जाता है और कभी-कभी मिनिमली इन्वेसिव प्रक्रिया की जरूरत होती है। कभी-कभी मिश्रित इलाज श्रेष्ठ रहता है। जीवनशैली का प्रबंधन करने की सरल विधियों से भी लक्षणों का इलाज किया जा सकता है।
यह हो सकती है परेशानी विशेषज्ञों ने बताया कि ज्यादा गंभीर मामलों में प्रोस्टेट बढऩे से मूत्र रुक सकता है, जिससे और ज्यादा गंभीर समस्याएं, जैसे किडनी फेल हो सकती है। इसका इलाज तुरंत करना जरूरी है। प्रोस्टेट उम्र के साथ वृद्धि के दो मुख्य चरणों से गुजरता है। पहला चरण यौवनावस्था की शुरुआत में होता है, जब प्रोस्टेट का आकार बढ़कर दोगुना हो जाता है। वृद्धि का दूसरा चरण लगभग 25 साल की उम्र से शुरू होता है और आजीवन चलता रहता है। बीपीएच अक्सर वृद्धि के दूसरे चरण में होता है।
बढ़ने पर होती हैं दिक्कतें जब प्रोस्टेट बढ़ जाती है, तो वह ब्लैडर पर दबाव डाल सकती है या उसे रोधित कर सकती है। जिससे लोअर यूरिनरी ट्रैक्ट सिंपटम्स (लुट्स) यानि निचली मूत्रनली की समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें बार-बार पेशाब आना, पेशाब करने के बाद भी ब्लैडर भरा हुआ महसूस होना, पेशाब बहुत धीरे-धीरे आना, पेशाब करते हुए बार-बार रुकना, पेशाब करने में मुश्किल होना, दबाव पडऩा आदि शामिल है।
इन बातों का रखें ध्यान – शिथिल जीवन से ब्लैडर पूरी तरह से खाली न हो पाने की समस्या हो सकती है। – बाथरूम जाने पर अपना ब्लैडर पूरी तरह से खाली करने की कोशिश करें। – हर रोज एक दिनचर्या के अनुरूप पेशाब करने की कोशिश करें, फिर चाहे आपकी इच्छा हो रही हो या नहीं। – रात में आठ बजे के बाद कोई भी तरल पदार्थ न पिएं, ताकि आपको रात में पेशाब न आए। – अल्कोहल ना लें।
Prostate Symptoms of Prostate treatment of Prostate
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