जलती हुई लड़की को देखकर पुलिस बनी रही तमाशबीन

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जलती हुई लड़की को देखकर पुलिस बनी रही तमाशबीन

पुलिस लोगों की रक्षा के लिए होती है और अगर वहीं लोगों के तमाशे देखने लग जाए तो ऐसे में कोई इंसान मदद के लिए किससे गुहार लगाएगा. पुलिस का इतना असंवेदनशील चेहरा मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में देखने को मिला है. जहां पर एक 22 साल की लड़की ने अपने ऊपर केरोसिन का तेल डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया.

हद तो तब हो गई, जब पुलिस वहां पहुंची और पुलिस उसे बचाने के बजाय बाहर बैठ कर अपने अफसर के आने का इंतजार कर रही थी. खुद तो वह बाहर बैठ गए और किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया. करीब तीन घंटे तक लड़की आग की लपटों में जलती रहीं. पुलिस इस घटना को वहां ऐसी देखती रही जैसे की कोई सर्कस में कोई जोकर नाच रहा हो.

हांलाकि इस लड़की के जलने का वीडियो सोशल मीडियो पर वायरल हो रहा है. इससे सारी हकीकत सामने आ गई है. जब एफएसएल महिला अधिकारी चंदा आंजना घटना स्थल पर पहुंची, तो पहले भाऊ गढ़ थाना प्रभारी आरसी गौड सामान्य बात करते नजर आ रहे हैं.

लेकिन जैसे ही कमरे का दरवाजा खुला तो एफएसएल अधिकारी खुद ही बोल पड़ी क‍ि पहले आप लोग आग तो बुझाइए. इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि मौके पर पहले से स्थित पुलिसकर्मी अधिकारी का इंतजार कर रहे थे और उन्होंने पौने 3 घंटे तक जलती हुई लड़की को आग से मुक्ति नहीं दिलाई थी.

वीडियो वायरल होने के बाद अब हालात यह है कि कोई भी अधिकारी अब कैमरे के सामने बोलने के लिए ही नही है. बड़ी मुश्किलों के बाद भाऊगढ़ थाना क्षेत्र से संबंधित एसडीओपी बृजभूषण शर्मा ने कैमरे के सामने कहा है कि लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा जा चुका है. जहां तक उन्हें जानकारी है, कोई लापरवाही नहीं बरती गई. लेकिन ऐसी कोई बात सामने आती है तो इससे संबंधित उचित कार्रवाई की जाएगी.

लड़की के पिता कोमल टेलर का कहना है कि मुझे जैसे ही खबर मिली कि मेरी लड़की ने खुद को आग लगा दी है. तो मैं दौड़कर घर आया, फिर पुलिस को बुलाया. पुलिस ने आकर खिड़की तोड़ी. थाना प्रभारी ने मुझे अंदर भी नहीं जाने दिया और बाहर ही सब को रोक लिया और कहा कि जब तक मंदसौर से एफएसएल अधिकारी नहीं आ जाती तब तक कुछ नहीं कर सकते हैं.

लड़की के पिता का कहना है कि अगर उनकी बेटी को सही समय पर अस्पताल ले जाते तो शायद उसकी बेटी की जान बच जाती. फिलहाल उन्होंने ऐसे पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. क‍ि पहले आप लोग आग तो बुझाइए. इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि मौके पर पहले से स्थित पुलिसकर्मी अधिकारी का इंतजार कर रहे थे और उन्होंने पौने 3 घंटे तक जलती हुई लड़की को आग से मुक्ति नहीं दिलाई थी.

वीडियो वायरल होने के बाद अब हालात यह है कि कोई भी अधिकारी अब कैमरे के सामने बोलने के लिए ही नही है. बड़ी मुश्किलों के बाद भाऊगढ़ थाना क्षेत्र से संबंधित एसडीओपी बृजभूषण शर्मा ने कैमरे के सामने कहा है कि लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा जा चुका है. जहां तक उन्हें जानकारी है, कोई लापरवाही नहीं बरती गई. लेकिन ऐसी कोई बात सामने आती है तो इससे संबंधित उचित कार्रवाई की जाएगी.

लड़की के पिता कोमल टेलर का कहना है कि मुझे जैसे ही खबर मिली कि मेरी लड़की ने खुद को आग लगा दी है. तो मैं दौड़कर घर आया, फिर पुलिस को बुलाया. पुलिस ने आकर खिड़की तोड़ी. थाना प्रभारी ने मुझे अंदर भी नहीं जाने दिया और बाहर ही सब को रोक लिया और कहा कि जब तक मंदसौर से एफएसएल अधिकारी नहीं आ जाती तब तक कुछ नहीं कर सकते हैं.

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लड़की के पिता का कहना है कि अगर उनकी बेटी को सही समय पर अस्पताल ले जाते तो शायद उसकी बेटी की जान बच जाती. फिलहाल उन्होंने ऐसे पुलिस के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग की है.