PM मोदी का सम्मान करें या संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग? 1 अगस्त को शरद पवार के सामने बड़ा सवाल

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PM मोदी का सम्मान करें या संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग? 1 अगस्त को शरद पवार के सामने बड़ा सवाल

PM मोदी का सम्मान करें या संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ वोटिंग? 1 अगस्त को शरद पवार के सामने बड़ा सवाल

मुंबई: आगामी 1 अगस्त का दिन शरद पवार और विपक्षी दलों के एलायंस ‘इंडिया’ के लिए मुश्किल और असमंजस भरा हो सकता है। दरअसल इस दिन पुणे में शरद पवार की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा। दूसरी तरफ इस बात की संभावना है कि उसी दिन राज्यसभा में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ मतदान हो जाए। ऐसे में शरद पवार के सामने यह सबसे बड़ी दुविधा होगी कि वे पीएम मोदी के सम्मान समारोह में जायें या फिर केंद्रीय अध्यादेश के खिलाफ मतदान में उपस्थिति दर्ज कराएं। अगर ये दोनों चीजें एक ही दिन आईं तो शरद पवार किसे चुनेंगे? बहरहाल इस बात पर देश की विपक्षी पार्टियों की नजर है। 31 जुलाई या 1 अगस्त को राज्यसभा में विपक्ष दिल्ली सरकार के तबादलों को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ वोट करेगा।

एक तरफ शरद पवार बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की बैठकों में शामिल होते हैं। दूसरी तरफ उनकी अपनी पार्टी टूट कर बीजेपी में शामिल हो चुकी है। बावजूद इसके शरद पवार का गुट अपने बीजेपी विरोधी रुख पर कायम है। लेकिन अगर 1 अगस्त को किस कार्यक्रम में जाएं यह पेंच फंसा तो शरद पवार कौन सा रास्ता चुनेंगे? इसको लेकर तरह तरह की अटकलें शुरू हैं। हालांकि, एक तारीख को मतदान होगा या नहीं? इसको लेकर संशय है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शरद पवार तय पुरस्कार कार्यक्रम में ही शामिल होंगे। क्योंकि पुणे में सम्मान समारोह की तारीख शरद पवार की पहल पर तय की गई है। इसलिए अगर राज्यसभा में वोटिंग होती है तो विपक्ष में घमासान मचने की आशंका है।

क्या है पेंच और अध्यादेश किसके लिए है?
कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था कि दिल्ली में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले की शक्तियां दिल्ली सरकार के पास होनी चाहिए। अदालत ने दिल्ली सरकार के हक में यह फैसला सुनाया था जबकि मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ा झटका था। लेकिन केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस फैसले को बदल दिया। इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष का समर्थन करने के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं से मुलाकात की। कांग्रेस के बाद शरद पवार ने भी केजरीवाल को समर्थन देने का ऐलान किया।

ऐसी संभावना है कि राज्यसभा में इस अध्यादेश के खिलाफ 31 जुलाई या 1 अगस्त को वोटिंग हो सकती है। 1 अगस्त को मोदी को पुणे में तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जिसके लिए शरद पवार को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इसलिए यदि पुरस्कार समारोह और राज्यसभा चुनाव एक ही दिन होते हैं, तो विपक्ष को एक वोट का नुकसान हो सकता है।

अध्यादेश में क्या है?

यदि न्यायालय सरकार की नीति के विरुद्ध कोई निर्णय देता है, या किसी बात को तत्काल लागू करने की जरूरत होती है तो सरकार बिना कैबिनेट बैठक बुलाए उस निर्णय को तत्काल लागू करने के लिए अध्यादेश जारी कर सकती है। लेकिन फिर उस अध्यादेश पर सदन में मतदान होता है और उस मतदान पर ही अध्यादेश लागू रहेगा या नहीं? यह तय होता है।

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