Pankaja Munde news: ‘मैं पांडव…टाल रही हूं धर्मयुद्ध…’, पंकजा मुंडे का बीजेपी को अल्टीमेटम तो नहीं !

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Pankaja Munde news: ‘मैं पांडव…टाल रही हूं धर्मयुद्ध…’, पंकजा मुंडे का बीजेपी को अल्टीमेटम तो नहीं !

हाइलाइट्स:

  • पंकजा मुंडे की बहन प्रीतम को केंद्र में बनाया गया है मंत्री
  • नाराज होकर पंकजा के समर्थकों ने किया विरोध
  • बीजेपी लगातार हाशिए पर डाल रही है पंकजा मुंडे को
  • पंकजा ने भी दिया बीजेपी को इशारों में अल्टीमेटम

मुंबई
दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी, महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री, बीजेपी की वरिष्ठ नेता, राज्य में ओबीसी नेतृत्व का एक दमदार चेहरा हैं पंकजा मुंडे। लेकिन, इन दिनों बीजेपी ने उन्हें हाशिए पर डाल रखा है। पार्टी में उनके साथ हो रहे अन्याय को चुपचाप सह रही पंकजा ने मंगलवार को इशारों-इशारों में बहुत कुछ कह दिया है।

यूं तो कहने को वह अपने समर्थकों को समझा रही थीं, लेकिन इसी बहाने उन्होंने दिल का दर्द भी व्यक्त किया। राज्यभर से मुंबई पहुंचे समर्थकों को संबोधित करते हुए पंकजा ने सही वक्त का इंतजार करने का निर्देश दिया है। इस बयान के बाद यह सवाल राजनीतिक हलके में उठ रहा है कि क्या यह बीजेपी को पंकजा का अल्टीमेटम है!

बड़ी संख्या में समर्थकों ने दिया इस्तीफा
पंकजा के साथ बीजेपी में किए जा रहे अन्याय और अब बहन बीजेपी सांसद प्रीतम मुंडे को केंद्र में मंत्री न बनाए जाने से नाराज समर्थकों के बड़ी संख्या में इस्तीफे के बाद मंगलवार को वर्ली में पंकज और प्रीतम ने समर्थकों के साथ बातचीत की। बातचीत में उन्होंने कार्यकर्ताओं के इस्तीफे भी नामंजूर कर दिए और कहा कि फैसला लेने का एक सही वक्त होता है।

देवेंद्र फडणवीस को बताया कौरव !
पंकजा ने कौरव और पांडवों के बीच हुए धर्म युद्ध का हवाला देते हुए कहा कि जहां तक संभव है, मैं धर्म युद्ध टालने का प्रयत्न कर रही हूं। उन्होंने खुद को पांडव बताया, लेकिन कौरव कौन है, इस पर खुलकर कुछ नहीं कहा। हालांकि जानकारों का कहना है कि उनका इशारा नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस की तरफ था। पंकजा ने कहा, मेरे नेता नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जे.पी. नड्डा हैं। यह कहकर उन्होंने एक तरह से फडणवीस को अपना नेता मानने से भी इनकार कर दिया है।

‘समाज में फूट डालने की कोशिश’
पंकजा यह भी कहा, मुझे दिख रहा है कि रास्ता मुश्किल है। पीछे भी मुश्किल था। भले चुनाव हार गई हूं, लेकिन खत्म नहीं हुई हूं। अगर खत्म हो गई होती, तो मुझे खत्म करने के प्रयत्न भी खत्म हो गए होते। यह कहकर उन्होंने संकेत देने की कोशिश की कि बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में उन्हें खत्म करने के प्रयास किए गए, जो अब भी जारी हैं।

पंकजा ने समर्थकों से कहा कि कुछ लोग हमारे समाज में फूट डालना चाहते हैं, हमारे ही खिलाफ समाज के लोगों को खड़ा कर रहे हैं, लेकिन हमें अपनी ताकत को गवांना नहीं है, बल्कि और बढ़ाना है। हालांकि पंकजा ने यह भी कहा कि वह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रही हैं। अगर उन्हें शक्ति प्रदर्शन करना होता, तो मुंबई में गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान का दफ्तर बहुत कम जगह है।

‘मुझे नजरअंदाज किया जा रहा है’
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर यह प्रबल धारणा है कि उन्हें निरतंर नजरअंदाज किया जा रहा। मेरा नाम विधान परिषद सदस्य के लिए आया था, लेकिन रमेश कराड को उस वक्त चुन लिया गया और मुझसे फॉर्म वापस लेने को कहा गया। यही चीज भागवत कराड (औरंगाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री) के साथ भी हुई। मेरे बजाय, उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया था।

पंकजा मुंडे

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