पाकिस्तान को एक बड़ा झटका अब एशियन स्टडीज कॉन्फ्रेंस का नहीं बन पाएंगे हिस्सा

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नई दिल्ली: भारत में अगले महीने होने वाले एशियन स्टडीज कॉन्फ्रेंस में कोई भी पाकिस्तानी विद्वान हिस्सा नहीं ले पाएंगे. इस बात का आदेश विदेश मंत्रालय ने दिया है.

बता दें कि द एसोसिएशन फॉर एशियन स्टडीज में करीब दस हजार एशियाई सदस्य जुड़े हुए है, यह एशिया का सबसे मुख्य अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संगठन है. साल 2014 से हर वर्ष संगठन की और से एशियन स्टडीज कॉन्फ्रेंस को आयोजित करवाया जाता है. इस सम्मेलन को आयोजित करने का अहम उद्देश्य उन लोगों के लिए होता है जो उत्तरी अमेरिका में आयोजित सालाना कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बन पाए है. इस बार इस कॉन्फ्रेंस को भारत के प्रमुख आटर्स इंस्टिट्यूट अशोक यूनिवर्सिटी का सहआयोजक बने है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 5 से 8 जुलाई को नई दिल्ली में होगी.

मीडिया के रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत लेने के लिए विदेशी प्रतिभागियों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है. बता दें कि राजनीतिक अनुमति पत्र (पोलिटिकल क्लियरेंस लेटर) में विदेश मंत्रालय ने साफ शब्दों में लिखा हुआ है कि इस कार्यक्रम में कोई भी पाकिस्तानी शिरकत नहीं लेगा. विश्वविद्यालय ने एनओसी के लिए 29 नवम्बर 2017 को ही विदेश मंत्रालय को आवेदन कर दिया था. जिसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने 19 फरवरी 2018 को विश्वविद्यालय को एक पत्र भेजा.

इस पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान का कोई भी शख्स शामिल होने की अनुमति नहीं है. यह पत्र सेक्शन ऑफिसर ए अजित प्रसाद के हवाले से राजीव गांधी एजूकेशन सिटी, अशोक विश्वविद्यालय के कुलसचिव सचिन शर्मा को जारी किया गया है. आयोजकों ने इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय के सामने शिरकत हो रहे 57 देशों के रिसर्च स्कॉलर को कॉन्फ्रेंस में शामिल होने की बात कही है. मगर इस सूची में से विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान का नाम हटा दिया है.