OPINION: हिंदूवादी नेता की छवि के साथ विकास की छलांग लगाते योगी आदित्यनाथ

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OPINION: हिंदूवादी नेता की छवि के साथ विकास की छलांग लगाते योगी आदित्यनाथ

OPINION: हिंदूवादी नेता की छवि के साथ विकास की छलांग लगाते योगी आदित्यनाथ


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पहली बार जब 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो उनकी छवि एक कट्‌टर हिंदूवादी फायर ब्रांड नेता की थी। लेकिन करीब 6 साल बाद लखनऊ की गोमती नदी में पानी बहुत बह चुका है और अब योगी आदित्यनाथ कट्‌टर हिंदूवादी छवि के साथ ही विकास पुरुष की नई परिभाषा भी गढ़ते नजर आ रहे हैं। हिंदुत्व आज भी उनकी प्राथमिकता में दिखता है लेकिन इसके साथ ही वह यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के विजन पर भी काम कर रहे हैं। दुनिया भर में ‘बुल्डोजर बाबा’ की छवि लिए योगी वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की बात करते हैं। वह दुनियाभर के निवेशकों के पास जाकर यूपी में निवेश करने का न्यौता दे रहे हैं। यूपी के हर जिले में निवेश लाने, उद्योग लगाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। अब कई राजनीतिक जानकार योगी आदित्यनाथ में ‘अगले’ नरेंद्र मोदी की झलक देखने लगे हैं।

याद कीजिए 2017 में मुख्यमंत्री पद संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर प्रतिबंध लगाकर अपनी मंशा भी जाहिर कर दी थी। उन्होंने साफ कर दिया था कि व्यवस्था में सुधार किसी भी कीमत पर किया जाएगा। फिर यूपी में तीन तलाक के खिलाफ कानून आया, यूपी पुलिस सीएए/एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से सख्ती से निपटती दिखी। यूपी में ताबड़तोड़ पुलिस एनकाउंटर और माफियाओं की संपत्तियां जब्त करने या ध्वस्त करने कार्रवाई देखकर तो योगी आदित्यनाथ देश भर में ‘बुल्डोजर बाबा’ के नाम से ही चर्चित हो गए। नतीजा ये हुआ कि आज योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के मुख्यमंत्रियों के बीच अपनी अलग पहचान कायम कर ली है।

वैसे इन सब एक्शन के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही एक और बड़ी चुनौती से लोहा लेना शुरू किया, ये वो चुनौती थी जिसने दशकों से पूरे उत्तर प्रदेश को जकड़ कर रखा था। उन्होंने आर्थिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य से बाहर लाने की जद्दोजहद शुरू की। यूपी में पहली बार वन ड्रिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना आई। इस योजना के माध्यम से तमाम जिलों को उनके पारंपरिक उद्योगों का ब्रांड बनाने की कोशिशें शुरू हुई। मुंबई की तरह योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में फिल्म सिटी बनाने का ऐलान कर दिया। पिछले कुछ वर्षों से उत्तर प्रदेश में हर साल इन्वेस्टर समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी की एक परंपरा शुरू हो चुकी है, जिसे इस बार योगी सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय पहचान देने की कोशिश की है और अमेरिका से लेकर यूरोप तक के निवेशकों को यूपी आने का न्यौता दे रही है।

उत्तर प्रदेश आकार में भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। हम सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। यह युवा हमारी ताकत है, हमारी पूंजी है। यहां की उर्वर भूमि हमारे प्रदेश की समृद्धि का अहम साधन है। पहले प्रदेश की माली हालत ठीक नहीं थी, बैंक क्रेडिट के लिए रिस्पांस तक नहीं देते थे लेकिन अब यूपी में सब बदल गया है। आज हम रेवेन्यू सरप्लस स्टेट हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ के भाषणों पर गौर करें तो वह राम मंदिर की बात करते हैं साथ ही मदरसों के आधुनिकीकरण पर भी जोर देते हैं। वह माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की बात करते हैं तो यूपी में टाइगर सफारी, नाइट सफारी से लेकर नए अभ्यारण्य चिन्हित करने और कमाई के नए जरिए खोजने की बात भी करते हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत वह यूपी के शहरों को देश के टॉप शहरों में बनाने की वकालत करते हैं तो हर घर नल योजना के तहत बुंदेलखंड के जिलों में बड़े स्तर पर सुधार पर जोर दे रहे हैं। वह पर्यटन में बढ़ावे के साथ ही धार्मिक पर्यटन पर सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं। आज श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अयोध्या का विशेष रूप से विकास किया जा रहा है, विश्वनाथ कॉरिडोर की भव्यता सभी ने देख ली है। वह मथुरा, नैमिषारण्य, श्रावस्ती, चित्रकूट आदि धार्मिक स्थलों में विकास करा रहे हैं।
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राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार योगी आदित्यनाथ एक सख्त और विकासवादी प्रशासक के तौर पर लगातार अपनी मजबूत छवि गढ़ते जा रहे हैं। वह कोरोना काल में जनता के लिए सड़क नजर आते हैं। यूपी में बने वॉर रूम की खुद निगरानी करते हैं। ये सीएम योगी की ही मेहनत है कि कोरोना वैक्सीनेशन के मामले में यूपी ने नए कीर्तिमान गढ़े। वह कानून व्यवस्था से लेकर तमाम विकास कार्यों की समीक्षा करने खुद जिले-जिले जाते हैं। पहले उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जब किसी जिले में जाता था तो खबर बन जाती थी, लेकिन दूसरी तरफ योगी हैं, जो दोबारा मुख्यमंत्री बनने के चंद दिनों बाद से ही प्रदेश भ्रमण कर चुके हैं।

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अब योगी आदित्यनाथ भारत का नया उत्तर प्रदेश बनाने निकले हैं। वह प्रदेश को नए ढंग से पेश कर रहे हैं। वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश आकार में भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य के साथ-साथ हम सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। यह युवा हमारी ताकत है, हमारी पूंजी है। यहां की उर्वर भूमि हमारे प्रदेश की समृद्धि का अहम साधन है। पहले प्रदेश की माली हालत ठीक नहीं थी, बैंक क्रेडिट के लिए रिस्पांस तक नहीं देते थे लेकिन 5 साल में यूपी में सब बदल गया है। आज हम रेवेन्यू सरप्लस स्टेट हैं। हमने अपने वार्षिक बजट को दोगुने से ज्यादा तक विस्तार दिया है। आज उत्तर प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए तेज गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, ताकि उद्योगों को लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि हो।

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वह उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे राज्य के रूप में विश्वस्तरीय रोड कनेक्टिविटी वाले राज्य के तौर पर पेश करते हैं। कहते हैं कि जब कोरोना काल में दूसरे प्रदेशों से मजदूर यूपी लौट रहे थे तो हमने सभी की स्किल मैपिंग कराई। जिसके कारण आज हमारे पास स्किल्ड कार्मिकों का एक बड़ा बैंक तैयार है। योगी निवेशकों से कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में हम आपको हर संभव सहायता देंगे। हर से संसाधन देंगे। बेहतर माहौल देंगे। बैंकिंग संस्थाएं हमारी एमएसएमई इकाइयों, कृषि, एफपीओ, स्टार्टअप आदि को मजबूत बनाने के लिए हमें सहयोग दें।

जाहिर है योगी आदित्यनाथ देश की राजनीति में एक बड़ी लकीर खींचते दिख रहे हैं। ये वाे लकीर है, जिसमें ये साबित करने का जुनून है कि कट्‌टर हिंदूवादी नेता की छवि के साथ भी समाज को एकजुट किया जा सकता है और विकास का चेहरा बना जा सकता है।

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