Opinion: जीत की भूख नहीं, हार का गम नहीं… बेपरवाह दिख रहे रोहित, यह तो लापरवाही की हद है…!

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Opinion: जीत की भूख नहीं, हार का गम नहीं… बेपरवाह दिख रहे रोहित, यह तो लापरवाही की हद है…!


Opinion: जीत की भूख नहीं, हार का गम नहीं… बेपरवाह दिख रहे रोहित, यह तो लापरवाही की हद है…!

भारतीय टीम एशिया कप के लिए जब रवाना हो रही थी तो हम सभी इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि उसका खिताब पक्का है। पहले से ही मानकर चल रहे थे कि उसके और पाकिस्तान के बीच 3 बार भिड़ंत होगी और हर बार टीम इंडिया ही जीतेगी। उसकी वजह है। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने लगातार जीत के झंडे गाड़े थे। उसके और टी-20 वर्ल्ड कप में हारने वाली टीम की बॉडी लैंग्वेज में जमीन आसमान का अंतर दिखा था। लेकिन यह क्या? न केवल भारत पाकिस्तान से हारा, बल्कि श्रीलंका से भी हारा और अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 208 रन बनाने के बावजूद हार गया।

यह खेल है, यहां हार जीत लगी रहती है। इस बात से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन टीम इंडिया और कप्तान रोहित शर्मा के अप्रोच को लेकर हैरानी हो रही है। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब हार रही थी तो स्टेडियम में एक बूढ़ा क्रिकेट फैन अपने इमोशंस को नहीं रोक पाया। वह रोते दिखा, लेकिन दूसरी ओर रोहित शर्मा और उनकी टीम के चेहरे पर हार का कोई भाव नहीं था। कोई फर्क ही नहीं पड़ा था।

आखिरी ओवरों में जब चौके-छक्के पड़ रहे थे तो रोहित की वह रणनीति गायब थी, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। वह रणनीति और आखिरी गेंद तक लड़ने का जुझारूपन, जिसके दम पर मुंबई इंडियंस को 5 बार खिताब दिलवाया था। वह मैदान पर कहीं दिखा ही नहीं। आखिरी ओवर में जब युजवेंद्र चहल को विकेट मिला तो वह इशारे से कुछ कहते दिखे। मानों कह रहे हों कि मैंने कहा था न यहां विकेट मिलेगा.., जबकि इस विकेट को कोई मतलब नहीं रह गया था। कम से कम भारत के लिए तो नहीं ही था।

मुझे नहीं लगता कि हमने उतनी अच्छी गेंदबाजी की। 200 रन का स्कोर बचाव के लिये काफी अच्छा है लेकिन हमने मैदान में मिले (कैच लपकने के) मौकों का फायदा नहीं उठाया। मुझे लगता है हमने अच्छी बल्लेबाजी की। हमारे लिये यह समझने के लिये अच्छा मैच रहा कि हम कहां गलत रहे और अगले मैच में हम क्या बेहतर कर सकते हैं।

रोहित शर्मा, भारतीय कप्तान

हैरानी तो इस बात की है कि वह बेपरवाह दिखे। एशिया कप में जब श्रीलंका से हार मिली तो उनसे पूछा गया कि अब तो भारत-पाकिस्तान में फाइनल नहीं हो पाएगा तो उन्होंने लापरवाही से जवाब दिया कि अब भी होगा। जबकि सेनेरियो तो यह था कि भारत को पहुंचने के लिए पाकिस्तान को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ता था, क्योंकि श्रीलंका को पहले ही फाइनल का टिकट मिल गया था।

वह एशिया कप में हर हार के बाद लर्निंग की बात करते रहे। आखिर सीखने की प्रक्रिया कब तक चलेगी। आप दुनिया की नंबर वन टी-20 टीम हो और बॉलिंग इस तरह की है कि 200 से अधिक का स्कोर बचा नहीं पा रहे। जहां हर टीम आगे की ओर जा रही है तो उमेश यादव की साढ़े 3 वर्ष बाद वापसी समझ से परे है। टीम में दीपक चाहर हैं, जो टी-20 वर्ल्ड कप के लिए रिजर्व प्लेयर्स में भी शामिल हैं, उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिल रहा।

एक समय था जब टीम इंडिया आखिरी गेंद तक लड़ती थी, लेकिन फिलहाल कुछ समय से सीनियर्स छुट्टी पर छुट्टी ले रहे हैं मैदान पर खेलते वक्त भी आराम की मुद्रा में ही दिखाई देते हैं। हेड कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली की आखिरी ओवरों में भुवनेश्वर कुमार को गेंद थमाने को लेकर सोच क्या हो सकती है यह तो पता नहीं, लेकिन अगर वे कप्तान होते तो शायद ही ऐसा करते… इतना पक्का है।

अच्छा मुकाबला रहा। निश्चित रूप से अंत में ओस से हमें मदद मिली। हमारे लिये कुछ अच्छी भागीदारियां रहीं। खिलाड़ियों ने अच्छी आक्रामकता दिखायी और मैच की लय बदलने की कोशिश की जो काफी अच्छा रहा।

आरोन फिंच, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान

राहुल द्रविड़ ने कोचिंग पर संभालते ही कई प्लेयर्स को अल्टीमेटम दे दिया था कि अगर परफॉर्मेंस अच्छी नहीं होगी तो बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा तो अब वह ढीले क्यों पड़ गए हैं? सवाल तो सबसे बड़ा यह है कि विराट कोहली को कप्तानी से इसलिए हटना पड़ा, क्योंकि आईसीसी टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया को खिताब नहीं मिल रहे थे। ऐसे में रोहित शर्मा क्या इस अप्रोच के साथ टीम को वर्ल्ड चैंपियन बना पाएंगे, जबकि उनके प्रमुख 11 प्लेयर्स ही तय नहीं हैं। अगर टीम इंडिया को चैंपियन बनना है तो न केवल रोहित शर्मा को अप्रोच बदलना होगा, बल्कि टीम इंडिया के अन्य प्लेयर्स को भी अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। इस मामले में वे ऑस्ट्रेलियाई टीम से सीख सकते हैं, जिसने कई स्टार प्लेयर्स की गैरमौजूदगी में गजब का प्रदर्शन किया है।

उल्लेखनीय है कि मैच में भारत ने ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या (नाबाद 71 रन) और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (55 रन) के अर्धशतकों के अलावा सूर्यकुमार यादव (46 रन) की बदौलत छह विकेट पर 208 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। ऑस्ट्रेलिया ने कैमरन ग्रीन (61 रन) के अर्धशतक के बाद मैथ्यू वेड की 21 गेंद में 45 रन की नाबाद पारी से श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली।

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