OM Birla : बिहार की प्रतिभा का सबने माना लोहा, नसीहतों के साथ कहा लोकतांत्रिक संस्थानों को कैस मजबूत करें… ये सोचने की जरूरत
Suman Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Feb 17, 2022, 2:30 PM
बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा था। ये कार्यक्रम अब संपन्न हो चुका है। लोकसभा अध्यक्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। जिन्होंने विधानसभा का सत्र कैसे अच्छे तरीके से चले इस पर विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बिहार के गौरवशाली इतिहास और लोकतंत्र की पुरानी परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि आज के समय में किस तरीके से सदन की गरिमा गिर रही है और इसे बचाने की जिम्मेदारी सभी प्रतिनिधियों की है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
पटना : लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे संसदीय क्षेत्र कोटा में बिहार के बच्चों के टैंलेंट को मैं नजदीक से जानता हूं। बिहार के नौजवान देश ही नहीं दुनिया में नाम कमा रहे हैं। लोकतांत्रिक संस्थानों को और कैस मजबूत करें इस पर सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा जनता की अपेक्षा पूरी कैसे हो, इस पर काम करने की जरूरत है। सदन की गरिमा बनाने की जिम्मेदारी हम सबों की है। लोकसभा स्पीकर ने बिहार विधानसभा के जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये हमारी विशेष जिम्मेदारी होती है कि सदन की मर्याद कैसे बरकरार रखें। सदन को संवाद का केंद्र बनाया जाए। संवाद से जो विचार निकले जिससे अपेक्षित परिणाम कैसे मिले। इन सभी का ध्यान रखने की जरूरत है। ओम बिड़ला ने कहा सदन में चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तब चिंता इस बात की है।सदन में गरिमा गिरती जा रही है। इसे बरकरार रखना हम सब की जिम्मेदारी है। हमें यह व्यापक प्रयास करनी चाहिए कि सदन में संवाद हो। शालीनता बनाए रखें।
जनता का कल्याण कैसे हो ये जिम्मेदारी सबकी : ओम बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष की कार्य संस्कृति सदन के अंदर है। हम राज्य के विकास की योजना कैसे बनाएं, इस पर काम होना चाहिए। जनता का कल्याण कैसे करें यह जिम्मेदारी हम सबों की है। सदन में बैठकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। जो चिंता का विषय है। इस वजह से बैठकों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि अधिक से अधिक समय तक सदन चलाया जाए और उसपर में चर्चा हो।
विश्व में भारत के लोक तंत्र की चर्चा
आज लोकतंत्र पर विश्व में चर्चा हो रही है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हम हमारे लोकतंत्र के मूल्यों को कैसे मजबूत करें? जिनको जनता ने चुन कर भेजा है उनपर सबसे अधिक जिम्मेदारी है। चर्चा और संवाद में गरिमा और शालीनता होनी चाहिए। विधानसभा के अंदर शालीनता गिरती जा रही है। जिससे देशभर में चिंता हैं। हम संकल्प लें कि विधानमंडलों की गरिमा बरकरार रखेंगे। हर विधानमंडल में सर्वश्रेष्ठ विधायक का चयन होना चाहिए। हमारा बार-बार प्रयास होना चाहिए कि सारी प्रक्रियाओं के तहत सदन में रहें और पुराने विधायकों से सीखें। अगर ऐसा करेंगे तो कार्यपालिका पर नियंत्रण रख सकेंगे। विधानमंडल की अच्छी बातों-परंपरा को सारे लोग जानें और उसे अपनायें। उन्होंने कहा कि आज भी संसद में कई ऐसे दल हैं जो वेल में नहीं आते। बिहार का जनकल्याण हो इसके लिए सबकी जिम्मेदारी है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और जीवंत लोकतंत्र है। गांव का हर व्यक्ति भी लोकतांत्रित व्यवस्था को लेकर जागरूक है। बिहार को विकसित बिहार बनाने में आपलोग योगदान दें। सामूहिकता के संकल्प के साथ आप काम करेंगे तो बिहार समृद्ध होगा और देश में नंबर वन होगा।
विधानसभा में पूरी बुलंदी से रखें अपनी बात
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यहां बहुत कुछ जानकारी नहीं थी। 2011 में विधानमंडल में बड़ा कार्यक्रम हुआ था। इंगलैंड से पूरी जानकारी मंगाई गई थी। नए विधायकों को सबकुछ जानने की जरूरत है। जनता विधायकों को चुन कर भेजती है। निर्वाचित प्रतिनिधियों से जनता की काफी अपेक्षा होती है। विधानसभा की तरफ से नये विधायकों को पूरी जानकारी दी जाती है। विस में सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों को अधिकार है कि वे सदन में सवाल पूछें। अगर आप विस के सदस्य हैं तो उनका दायित्व पूरे राज्य का होता है। अपने क्षेत्र के साथ पूरा राज्य को सोचना होता है।
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Web Title : om birla: bihar’s talent was acknowledged by all, said with advice how to strengthen democratic institutions… need to think this
Hindi News from Navbharat Times, TIL Network
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Suman Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Feb 17, 2022, 2:30 PM
बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह का आयोजन किया जा रहा था। ये कार्यक्रम अब संपन्न हो चुका है। लोकसभा अध्यक्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। जिन्होंने विधानसभा का सत्र कैसे अच्छे तरीके से चले इस पर विचार करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने बिहार के गौरवशाली इतिहास और लोकतंत्र की पुरानी परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि आज के समय में किस तरीके से सदन की गरिमा गिर रही है और इसे बचाने की जिम्मेदारी सभी प्रतिनिधियों की है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
जनता का कल्याण कैसे हो ये जिम्मेदारी सबकी : ओम बिड़ला
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, लोकतंत्र में पक्ष-विपक्ष की कार्य संस्कृति सदन के अंदर है। हम राज्य के विकास की योजना कैसे बनाएं, इस पर काम होना चाहिए। जनता का कल्याण कैसे करें यह जिम्मेदारी हम सबों की है। सदन में बैठकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। जो चिंता का विषय है। इस वजह से बैठकों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि अधिक से अधिक समय तक सदन चलाया जाए और उसपर में चर्चा हो।
विश्व में भारत के लोक तंत्र की चर्चा
आज लोकतंत्र पर विश्व में चर्चा हो रही है। भारत लोकतंत्र की जननी है। हम हमारे लोकतंत्र के मूल्यों को कैसे मजबूत करें? जिनको जनता ने चुन कर भेजा है उनपर सबसे अधिक जिम्मेदारी है। चर्चा और संवाद में गरिमा और शालीनता होनी चाहिए। विधानसभा के अंदर शालीनता गिरती जा रही है। जिससे देशभर में चिंता हैं। हम संकल्प लें कि विधानमंडलों की गरिमा बरकरार रखेंगे। हर विधानमंडल में सर्वश्रेष्ठ विधायक का चयन होना चाहिए। हमारा बार-बार प्रयास होना चाहिए कि सारी प्रक्रियाओं के तहत सदन में रहें और पुराने विधायकों से सीखें। अगर ऐसा करेंगे तो कार्यपालिका पर नियंत्रण रख सकेंगे। विधानमंडल की अच्छी बातों-परंपरा को सारे लोग जानें और उसे अपनायें। उन्होंने कहा कि आज भी संसद में कई ऐसे दल हैं जो वेल में नहीं आते। बिहार का जनकल्याण हो इसके लिए सबकी जिम्मेदारी है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और जीवंत लोकतंत्र है। गांव का हर व्यक्ति भी लोकतांत्रित व्यवस्था को लेकर जागरूक है। बिहार को विकसित बिहार बनाने में आपलोग योगदान दें। सामूहिकता के संकल्प के साथ आप काम करेंगे तो बिहार समृद्ध होगा और देश में नंबर वन होगा।
विधानसभा में पूरी बुलंदी से रखें अपनी बात
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि यहां बहुत कुछ जानकारी नहीं थी। 2011 में विधानमंडल में बड़ा कार्यक्रम हुआ था। इंगलैंड से पूरी जानकारी मंगाई गई थी। नए विधायकों को सबकुछ जानने की जरूरत है। जनता विधायकों को चुन कर भेजती है। निर्वाचित प्रतिनिधियों से जनता की काफी अपेक्षा होती है। विधानसभा की तरफ से नये विधायकों को पूरी जानकारी दी जाती है। विस में सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों को अधिकार है कि वे सदन में सवाल पूछें। अगर आप विस के सदस्य हैं तो उनका दायित्व पूरे राज्य का होता है। अपने क्षेत्र के साथ पूरा राज्य को सोचना होता है।
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