रोक लगने के बावजूद ‘तीन तलाक’ चलन में!

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रोक लगने के बावजूद ‘तीन तलाक’ चलन में!
रोक लगने के बावजूद ‘तीन तलाक’ चलन में!

तीन तलाक महिलाओं की आजादी को हनन करता है, ऐसा कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर रोक लगाने का आदेश दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद चल रहा तीन-तलाक का चलन। जी हाँ, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तीन-तलाक पर कानून बनाने का आदेश देते हुए छह महीने के लिये तलाक को रोक दिया, लकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करता हुआ एक मामला सामने आया है, जहां एक महिला को उसके पति ने तीन तलाक कहकर, उसे तलाक दे दिया है।

आपको बता दें कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलें के बाद भी देश में ‘तीन तलाक’ देने का दौर थमता नहीं दिख रहा। जी हाँ, ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सामने आया है, जहां काली चाय बनाने पर एक व्यक्ति ने अपनी बीवी को तुरंत ‘तीन तलाक’ दे दिया। हालांकि अब मामला शहर काजी और पुलिस के पास जा पहुंचा है।

खबर के मुताबिक, राजधानी भोपाल में रहने वाले एक मुस्लिम युवक ने चाय बनाने की बात पर हुए विवाद के बाद बीबी को तीन बार तलाक बोल दिया। इसके साथ ही शौहर ने बीबी साथ में रखने से भी इनकार कर दिया, जिसके बाद मामला महिला पुलिस थाने पहुंचा।

चाय पर बवाल तो हुआ तलाक..!

आपको बता दें कि युवक ने बीवी को सिर्फ इस बात पर तलाक दे दिया क्योंकि उसने उसे काली चाय दे दी थी। साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि बीवी ने दूध के लिए पैसे मांगे थे, जिस पर शौहर ने उसे मायके से पैसे लाने को कहा था। इसके बाद पति ने अपनी बीबी को तलाक दे दिया औऱ अब साथ रखने को मना कर दिया।

काउंसलिंग से भी नहीं सुलझा केस….
आपको यह भी बता दें कि मामलें की गंभीरता और परिवार ना टूटे, यह देखते हुए पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करने के पहले ऐसे केसों में काउंसलिंग के जरिए रिश्तों को जोड़ने वाली संस्था गौरवी वन स्टॉप क्राइसिस में जाने की सलाह दी। खबर के मुताबिक, काउंसलिंग संस्थान ने महिला के शौहर से बात की तो उसने गुस्से में आकर तीन तलाक देने की बात स्वीकार की, हालांकि युवक को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं थी।

कानून करेगा अब फैसला…
खबरों की माने तो अब शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी का कहना है कि अब तक उनके पास इस तरह का कोई केस नहीं आया है। अगर काजियात में कोई मामला आएगा, तो कानून के दायरे में रहकर सवालों के जवाब के दिए जाएंगे।
बहरहाल, मामला चाहें जो कुछ भी लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर रोक लगने के बावजूद क्यों चल रहा है तीन तलाक का सिलसिला।