Nitish kumar News : हिजाब विवाद पर मुस्कुराते हुए बोले CM नीतीश, ‘कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं, ये बेकार बात है’

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Nitish kumar News : हिजाब विवाद पर मुस्कुराते हुए बोले CM नीतीश, ‘कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं, ये बेकार बात है’

पटना: कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को मुस्कुराते हुए कहा कि ये सब बेकार बात है। मामला कोर्ट गया है। हमलोगों ने स्कूल में जो भी शुरू किया उसके बाद सभी बच्चे एक तरह की ड्रेस पहनते हैं। लेकिन अगर कोई सिर के ऊपर कुछ लगा लेगा तो कोई चंदन वगैरह लगा लेगा तो उनसब पर कुछ कहने की क्या जरूरत है। हमलोगों की नजर में वो सब खास बात नहीं है। बिहार में इस तरह की कभी कोई बात सुनते हैं क्या, देश दुनिया में कोई बात होता है तो रहने दीजिए। हमलोग काम में यकीन करते हैं, सबकी इज्जत करते हैं। कुछ लोगों का अपना-अपना तरीका है। हमलोग उसमें इंटरफेयर नहीं करते हैं। कोई मूर्ति लगाना, कोई कुछ करना, अपने-अपने ढंग से पूजा करना आदि। सबका अपना काम है, इसलिए कुछ चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

सीएम नीतीश ने बताया बिहार को क्यों मिले विशेष राज्य का दर्जा
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर संसद में बीजेपी और जेडीयू सांसदों के बीच हुई बहस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि सभी जानते हैं कि इस मुद्दे को लेकर हमने कितना बड़ा अभियान चलाया। कितनी जगहों पर कितनी सभाएं हुई हैं। जब मीटिंग हुई तब हमसब एनडीए की सरकार में ही थे। उस समय तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसपर एक कमिटी भी बनाई। जो कमिटी बनी उसने भी कुछ बात कही। इसके बाद भी केंद्र में मौजूद कांग्रेस ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया। अब फिर से हम अपनी मांग रख रहे हैं। उसके बाद फिर जो रिपोर्ट आई है उसके बाद ही हमने बता दिया था कि नीति आयोग की रिपोर्ट ने बिहार को सबसे पिछड़ा बताया है।

सीएम नीतीश ने कहा कि हमने बताया है कि 2005 नवंबर से हमें जब से मौका मिला तब से कितनी मेहनत की है। कहां से कहां तक बिहार को पहुंचाया है। लेकिन फिर भी बिहार पीछे जरूर है। उसका कारण है कि हमारी आबादी बहुत ज्यादा है। हमारा क्षेत्रफल कम है। एक स्क्वायर किलोमीटर में बिहार में जितनी आबादी है उतनी देश में कहीं नहीं हैं और शायद ही दुनिया में भी कहीं है। वैसी स्थिति में हम जितना भी काम करते हैं वह अपेक्षाकृत उतना लाभ नहीं मिल रहा है। 2009 से रिपोर्ट आ रही है कि बिहार के विकास दर में वृद्धि हुई है। बिहार की सरकार की ओर से जो काम हो रहा है उससे प्रोग्रेस जरूर है, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादा आबादी की वजह से कितना भी प्रोग्रेस होगा तो भी यह विकास के मामले में नीचे ही रहेगा।

सीएम नीतीश ने कहा कि विशेष राज्या दर्जा देने फायदा यही है कि विकास कार्यों में केंद्र के साथ 90/10 की औसत से खर्च होगा। इससे फायदा यह होगा कि राज्य सरकार का पैसा दूसरे विकास कार्यों में खर्च होगा। कहीं-कहीं ये अनुपात 60/40 तो कहीं 50/50 का है। अगर केंद्र और राज्य का पैसा 90/10 के अनुपात में खर्च होगा तब राज्य का विकास बेहद तेजी से होगा। राज्य सरकार की तरफ से नीति आयोग की चिट्ठी गई है, उसमें कहा गया है कि आपकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इतना काम होने के बाद भी ये हालत है तब तो सोचना भी आपका ही काम है। ये बातें हम पहले ही बता चुके हैं, इसके बाद भी कौन क्या बोलता है उससे क्या मतलब है।
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सीएम नीतीश ने कहा कि इन सब बातों के बाद भी हमलोग काम कितना करते हैं यह देखने की जरूरत है। हर क्षेत्र में हम लोग मिलकर काम कर रहे हैं। जब हम लोगों को मौका मिला तब राज्य की क्या स्थिति थी। रोड की क्या स्थिति थी, शिक्षा की क्या स्थिति थी, स्वास्थ्य की क्या स्थिति थी, लॉ एंड ऑर्डर की क्या स्थिति थी, महिलाओं की क्या स्थिति थी, गरीब परिवारों की क्या स्थिति थी और आज जरा देख लीजिए। हम लोग तो काम कर ही रहे हैं। हम लोगों की जो आबादी बढ़ी हुई है वहां प्रजनन दर भी हम घटा रहे हैं। महिलाओं की शिक्षा पर जोर इसलिए दिए। जब हम लोगों की सरकार बनी तब बिहार में प्रजनन दर 4.3 था, अब हम लोग घटकर तीन पर आ गए हैं। यही हाल रहा तो पांच-छह साल में हम लोग प्रजनन दर को 2 पर ले लाएंगे। हम लोग सब काम कर रहे हैं। ऐसा भी नहीं है कि आगे नहीं बढ़ रहे हैं, जहां नीचे थे उससे बहुत आगे बढ़ रहे हैं। हमारी प्रति व्यक्ति आय 8 हजार रुपये थी जो बढ़कर 50 हजार के ऊपर पहुंच गई है। लेकिन देश का प्रति व्यक्ति आय एक लाख से भी ऊपर है। यही वजह है कि हम नीचे दिखते हैं। काम हमलोग कर रही रहे हैं। केंद्र सरकार की भी कई योजनाएं चल रही हैं, तो विकास का काम तो हो ही रहा है। जो न्यूनतम आधार पर हैं उसमें तो लाख भी करेंगे तो खास परिवर्तन नहीं होगा। इसलिए हम कहेंगे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर गौर किया जाना चाहिए।
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जातीय जनगणना से किसी जाति का अहित नहीं होगा: नीतीश
जातीय जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश ने कहा कि उसके लिए हम लोग मन बनाकर बैठे हैं। उसपर सर्वदलीय बैठक करेंगे। केंद्र से भी बात हो गई है कि वह लोग नहीं करेंगे, लेकिन अगर कोई राज्य करना चाहे तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। हमलोग यहां पर बातचीत करके उसके पूरे तौर तरीके तैयार कर लेंगे। उसी हिसाब से सबको जानकारी हो जाएगी कि राज्य में किस जाति की कितनी आबादी है। इससे हमें लोगों सुधार कार्य में मदद मिलेगी, जो राज्य हित में ज्यादा होगा। इससे किसी जाति की उपेक्षा नहीं होगी। बीच में कोरोना हो गया इसलिए उसपर भी ध्यान देने की जरूरत है।

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