भारत के जेवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज ने एक बार फिर गोल्ड मैडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है. फ्रांस के सोटेविल-लेस-रोवेन में आयोजित इस स्पर्धा में 85.17 की दूरी तय कर सोना अपने नाम किया. इस स्पर्धा में चोपड़ा के प्रतिद्वंद्वियों में 2012 लंदन ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता केशोर्न वालकोट भी शामिल थे. इस कॉम्पिटीशन में मोलडोवा के एंड्रियन माडरि दूसरे स्थान पर रहे वह 81.48 मीटर तक भाला फेंक सके. वहीं 79.31 मीटर दूर भाला फेंकने वाले लिथुआनिया के एडिस तीसरे स्थान पर रहे.
नीरज के प्रदर्शन की सबसे बड़ी बात यह रही की उन्होंने अपने सभी प्रयासों में जीत हासिल की. वह एक भी प्रयास में असफल नहीं रहे.
कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जीता था गोल्ड
नीरज चोपड़ा ने इसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में 86.47 मीटर का थ्रो फेंक गोल्ड जीता था और फिर दोहा डाइमंड लीग में चौथे स्थान पर रहने के दौरान 87 .43 मीटर के प्रयास के साथ नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया. पटियाला के फेडरेशन कप नेशनल चैंपियनशिप में भी नीरज चोपड़ा ने 85.94 मीटर दूर भाला फेंककर स्वर्ण पदक हासिल किया था.
एक बार फिर गोल्ड जीत कर नीरज ने भारत का नाम जेवलिन थ्रो के इतिहास में सुहनेरे अक्षरों से लिखवा दिया है. वर्ष 2016 में पोलैंड में अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में नीरज ने 86.48 मीटर जैवलिन थ्रो करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था उन्होंने लैटविया के ज़िगिस्मंड सिरमायस के 84.69 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ा था. हरियाणा के पानीपत में रहने वाले नीरज पहले ऐसे भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने किसी भी स्तर पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.