गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्य सभा में किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थक किसानों को ED और NIA द्वारा परेशान किए जाने वाले आरोपों का जवाब दिया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर जमे किसानों की वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है.
नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) की वजह से दिल्ली व पड़ोसी राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है और सरकारी खजाने को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्य सभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि तीन नये कृषि कानूनों (New Farm Laws) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के काफिलों ने 26 जनवरी को बलपूर्वक दिल्ली आने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने पुलिस के बैरिकेड्स भी अपने ट्रैक्टरों से तोड़ डाले. गृह राज्य मंत्री किसान नेताओं को NIA और ED द्वारा परेशान करने के आरोपों का भी जवाब दिया.
राज्य सभा में सरकार का जवाब
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, ‘उन्होंने (किसानों ने) आक्रामक रुख अपनाया, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और लोकसेवकों को अपना दायित्व निर्वाह करने से रोकने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग किया जिससे ड्यूटी पर तैनात कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.’ गृह राज्य मंत्री ने कहा ‘दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सूचित किया है कि राष्ट्रीय राजधानी की गाजीपुर, चिल्ला, टीकरी और सिंघु सीमाएं किसानों के आंदोलन की वजह से बाधित हैं और इसकी वजह से दिल्ली और आसपास के राज्यों के लोगों को असुविधा हो रही है. किसी भी तरह के आंदोलन से लोगों को और सरकार को आर्थिक नुकसान होता है.’
बल प्रयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों और प्रदर्शनकारियों ने सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया और कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बावजूद ये लोग बिना मास्क पहने बड़ी संख्या में एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों ने जो किया उसके बाद दिल्ली पुलिस के पास भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले, पानी की धार छोड़ने और हल्का बल प्रयोग करने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
NIA, ED कर रही परेशान?
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को मानवीय आधार पर सहयोग देने के कारण करीब 40 लोगों को समन जारी किया है. रेड्डी ने यह भी बताया कि किसानों की चिंता के समाधान के लिए सरकार ने किसान नेताओं के साथ 11 दौर की बातचीत की लेकिन इसमें कोई हल नहीं निकल पाया.