घरेलू विनिर्मातों के पक्ष में सरकार का फैसला ।

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घरेलू विनिर्मातों के पक्ष में सरकार का फैसला ।

विपक्ष पार्टी के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने घरेलू विनिर्मातों के फायदे के लिए फैसला लिया जिसमे सैनिटरी पैड और दिव्यांगों से जुड़े उपकरणों पर जीएसटी लगाने का बचाव किया । सरकार ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला घरेलू विनिर्माताओं के फायदे के लिए लिया गया है। एक सरकारी अधिकारी के बयान के अनुसार ब्रेल लेखन, ब्रेल कागज, व्हील चेयर, बोलने वाली किताब, सुनने में सहायक यंत्र और कृत्रिम अंग आदि पर 5% जीएसटी देना होगा । मगर इनके निर्माण में काम आने वाले कच्चे माल पर जीएसटी दर 18% ही लगेगा। फिर भी अंतिम ग्राहक पर कर की लागत कम ही रहेगी क्योंकि घरेलू विनिर्माताओं कच्चे माल पर दिए गए जीएसटी के मुआवजे या रिफंड का दावा कर सकता है ।

सपूर्णता इस बात को समझा जाए तो यदि इन उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखते है और इनका आयत शून्य फीसदी शुल्क पर जारी रहता है तो घरेलू विनिर्माताओं को नुक्सान होगा । वे जीएसटी के तहत कच्चे माल पर लगाए शुल्कों का मुआवजा नहीं ले सकेंगे । ऐसे में उनकी उत्पादन लागत बढ़ेगी और उनका माल गैर प्रतिस्पर्धा में चला जायेगा ।

विपक्षियों का आरोप
जीएसटी लागू होने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने केंद्र पर आरोप लगाया था कि सरकार ने महिलाओं और दिव्यांगों से जुडी जरूरतों का ध्यान नहीं रखा तभी तो सरकार ने 5 से 18 फीसदी तक कर लगा दिया है ।

सैनिटरी पैड पर छूट
सैनिटरी पैड पर जीएसटी की दर 12 फीसदी रखी गयी है । जबकि इसके निर्माण के लिए विनिर्मातों को 18 फीसदी जीएसटी चुकाना पड़ता है ।

जीएसटी से जुड़े सवालों की क्लास
जीएसटी से जुड़े सवालों के आसानी से जवाब देने के लिए सरकार ने नई व्यवस्था की है, राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने बताया कि दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर 6 दिन जीएसटी की क्लास चलेगी । यह क्लास 3 दिन हिंदी में और 3 दिन अंग्रेजी में होगी । जिसकी शुरुआत गुरुवार से हो रही है । गुरुवार और शुक्रवार को शाम 4:30 से और शनिवार को दोपहर 12 बजे होगी ।