MP Pesa Act: एमपी में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासियों की ताकत बढ़ जाएगी? जानें क्या है यह

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MP Pesa Act: एमपी में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासियों की ताकत बढ़ जाएगी? जानें क्या है यह

MP Pesa Act: एमपी में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासियों की ताकत बढ़ जाएगी? जानें क्या है यह

भोपाल: एमपी में आदिवासियों को लुभाने के लिए राज्य सरकार 15 नवंबर से पेसा एक्ट (MP pesa act news) लागू करने जा रही है। 2023 विधानसभा चुनाव में सरकार आदिवासियों को लुभाने की तैयारी में जुट गई है। इसमें राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है। बिरसा मुंडा की जयंती पर आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले में सरकार जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन कर रही है। इसमें मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होंगी। इसी मंच से पेसा एक्ट की घोषणा होगी। आइए आपको बताते हैं कि राज्य में पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासियों को क्या फायदा है। क्या इससे आदिवासियों के अधिकार बढ़ जाएंगे।


दरअसल, एमपी में आदिवासी लंबे समय से पेसा एक्ट की मांग कर रहे हैं। पेसाअधिनियम 1996 में पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। इसमें एमपी सरकार ने कुछ संशोधन किए हैं। यह कानून देश में 24 दिसंबर 1996 को लागू किया गया था। एमपी के ही जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की अनुशंसा पर एक्ट तैयार हुआ था। इसके बावजूद एमपी में अभी तक यह एक्ट लागू नहीं हुआ है।

मंगलवार से राज्य में पेसा एक्ट लागू हो जाएगा। इस कानून का उद्देश्य है कि अनूसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लिए ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करना। यह एक्ट कानूनी रूप से आदिवासी समुदायों को स्वशासन की अपनी प्रणालियों के माध्यम से स्वयं को शासित करने के अधिकार को मान्यता देता है। यह प्राकृतिक संसाधनों पर उनके पारंपरिक अधिकारों को स्वीकार करता है। ग्राम सभाओं के पास ही विकास योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार होता है। साथ ही सामाजिक क्षेत्रों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अधिकार देता है।

ग्राम सभा की ताकत बढ़ जाती

पेसा एक्ट के बाद ग्राम सभाओं की ताकत बढ़ जाती है। जल, जंगल, जमीन और संसाधन पर इनका अधिकार होता है। भूमि अलगाव को रोकेंगे। नशीले पदार्थों को नियंत्रित करना भी इनका काम होगा। इलाके में विकास कार्यों के लिए ग्राम सभा की मंजूरी जरूरी है। आदिवासियों पर केस करने से पहले पुलिस को ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गांवों के विवाद को ग्राम सभा के स्तर पर सुलझाई जाएगी।

इसके साथ ही ग्राम सभाओं की शक्तियों में सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का रखरखाव, आदिवासियों को प्रभावित करने वाली योजनाओं पर नियंत्रण रखना है। साथ ही गांव के अंदर प्राकृतिक संसाधनों पर भी नियंत्रण रखना है।

इसके साथ ही बाहरी और आंतरिक संघर्षों के खिलाफ अपने अधिकारों और परिवेश के सुरक्षा तंत्र को बनाए रखने में सक्षम बनाता है। ग्राम सभा को अपने गांव की सीमा के भीतर नशीले पदार्थों के निर्माण, परिवहन, बिक्री और खपत की निगरानी के साथ निषेध करने की शक्तियां प्राप्त होंगी।

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