MP News: पहले एक्शन, फिर सीबीआई जांच का ऐलान, उपचुनावों में बीजेपी के लिए मुसीबत न बन जाए सेमरा लहरिया कांड

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MP News: पहले एक्शन, फिर सीबीआई जांच का ऐलान, उपचुनावों में बीजेपी के लिए मुसीबत न बन जाए सेमरा लहरिया कांड

हाइलाइट्स

  • बीजेपी के लिए गले की फांस बन रहा सेमरा लहरिया कांड
  • सरकार की कार्रवाई को एकतरफा बता रहे ब्राह्मण समाज के लोग
  • युवक की मौत के बाद प्रशासन ने तोड़ा कथित आरोपियों का घर
  • विरोध बढ़ने पर सीएम शिवराज ने किया सीबीआई जांच का ऐलान

सागर
मध्य प्रदेश के सागर जिले में करीब दो सप्ताह पहले एक युवक को जलाकर मार दिए जाने की घटना राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए मुश्किलों का सबब बनती जा रही है। 16 सितंबर को सेमरा लहरिया गांव में हुई इस घटना में युवक को पेट्रोल डालकर जला दिया गया था जबकि उसकी प्रेमिका भी करीब 60 प्रतिशत जली हुई अवस्था में मिली थी। प्रदेश में उपचुनावों से ठीक पहले अब यह घटना बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है क्योंकि सरकार पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप लग रहे हैं।

मृत युवक राहुल यादव ओबीसी समुदाय का था जबकि उसकी प्रेमिका ब्राह्मण है। मौत से पहले युवक ने युवती के परिवारवालों पर उस पर पेट्रोल उड़ेलकर जलाने का आरोप लगाया था। उसने युवती के पिता, भाई और दो अन्य लोगों को आरोपी बताया था। घटना के ठीक बाद चारों लोगों को गिरफ्तार करने के अलावा उनके घर को तोड़ दिया गया था, लेकिन यह कार्रवाई राज्य सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। मामले के जातिवादी रंग में रंगने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी सीबीआई जांय और युवती के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है, लेकिन इससे ब्राह्मण समुदाय का गुस्सा कम नहीं हो रहा।

मामले में पहला ट्विस्ट कुछ दिनों बाद तब आया जब घायल युवती ने मृत युवक के आरोपों को गलत बताया। युवती ने कहा कि युवक उसे जलाने आया था, लेकिन खुद ही इसका शिकार हो गया। युवती ने यह दावा भी किया कि उसके परिवारवाले दोनों को बचाने के प्रयास कर रहे थे। युवती ने अपने परिवार के लोगों द्वारा युवक को पेट्रोल डालकर जलाने के आरोप को भी झूठ बता दिया।

इससे पहले ही सागर के विधायक और शिवराज कैबिनेट के मंत्री भूपेंद्र सिंह आरोपियों का घर तोड़ने की ग्रामीणों की मांग का समर्थन कर चुके थे। राज्य सरकार आम तौर पर जघन्य अपराधों के मामलों में आरोपियों के खिलाफ यह कार्रवाई करती है। घटना के खिलाफ ओबीसी समुदाय लामबंद हुआ तो भूपेंद्र सिंह ने राहुल यादव के परिवार के लिए एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग का भी समर्थन किया। इसके बाद ब्राह्मण समाज के लोग भी मुखर हुए और प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। वे भूपेंद्र सिंह के इस्तीफे की मांग करने लगे।

इधर, कांग्रेस पार्टी भी सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रही है। पार्टी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि एक समुदाय की मांग पर प्रशासन ने घर तोड़ने की कार्रवाई कर दी। अब दूसरे समुदाय की मांग पर सीबीआई जांच की घोषणा कर दी गई। सरकार ने पहले कार्रवाई कर दी और अब जांच की बात कर रही है।

दरअसल, सरकार के रुख में बदलाव तब आया जब ब्राह्मण समाज के लोगों ने कार्रवाई के खिलाफ विशाल रैली करने का ऐलान कर दिया। उपचुनाव से ठीक पहले इस ऐलान से सरकार के कान खड़े हो गए। राज्य में लोकसभा की एक और विधानसभा की तीन सीटों के लिए उपचुनाव में अब एक नहीने से भी कम समय बचा है।

सरकार की चिंता का कारण यह भी है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर संभाग में 26 विधानसभा सीटें हैं। सबसे ज्यादा आठ सीटें सागर जिले में ही हैं। उपचुनाव वाली सीटों में पृथ्वीपुर भी शामिल है जहां ब्राह्मण और ओबीसी समुदाय के वोटर्स की संख्या ज्यादा है। बीजेपी को डर है कि दोनों में से किसी समुदाय की नाराजगी उपचुनावों में उसके लिए भारी पड़ सकती है।

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