आज के समय में सरकारी कार्यालय रिश्वत जैसी बीमारी से जकड़े हुए हैं। आये दिन हमें सुनने को मिल जाता है कि किसी आदमी ने रिश्वत ली और वह पकड़ा गया। रिश्वत लेना जितना बड़ा जुर्म है उससे बड़ा जुर्म है रिश्वत देना।
मध्य प्रदेश के खंडवा में रिश्वत की एक ऐसी ही बानगी पेश हुई है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला-
दरअसल मध्यप्रदेश के खंडवा में भूमि नामांतरण के नाम पर सेवानिवृत्त शिक्षक से चार हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एक पटवारी को पकड़ा गया। इस पटवारी का नाम राजेश धात्रक है। यह घटना बीते मंगलवार की है।
पटवारी को लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने उसके ही घर में रिश्वत लेते हुए पकड़ा। मामला तो तब हास्यापद हो गया जब पटवारी लोकायुक्त पुलिस को आते देखा और रिश्वत के पैसे को चबाने लगा।
यही नहीं आरोपी पटवारी ने सबूत मिटाने के लिए मिटटी में अपने हाथ भी रगड़े। लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने ऐसा होने नहीं दिया।
फ़िल्मी तरीके से लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी की पीठ और पेट पर घूंसे मारकर 500-500 के आठ नोट बाहर निकलवा लिए और उसे लेकर कोतवाली पहुंचे।
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लोकायुक्त निरीक्षक विजय चौधरी ने बताया कि केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक मांगीलाल प्यासे की गांव में कृषि भूमि है। उन्होंने नामांतरण के लिए पटवारी राजेश धात्रक से संपर्क किया था। जिसके बाद उसने आठ हजार रुपये रिश्वत की बात कही थी।
पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और इस संबंध में आरोपी के ऊपर उचित कार्रवाई की जाएगी।