Mentha Oil Rate Today’s Mentha Oil Price in India: 1400 रुपए तक जा सकता है मेंथा ऑयल का भाव, जानें- आज का रेट

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Mentha Oil Rate Today’s Mentha Oil Price in India: 1400 रुपए तक जा सकता है मेंथा ऑयल का भाव, जानें- आज का रेट

Mentha Oil Rate, Today Mint oil Price in India- एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में मेंथा ऑयल (Mentha Oil) की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है

लखनऊ. Mentha Oil Rate, Today’s Mentha Oil Price in India- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (MCX) में आज 28 अगस्त को मेंथा की कीमत 920.30 रुपए प्रति किलोग्राम है। 25 अगस्त को एक किलोग्राम मेंथा (Mint oil Price) की कीमत 916.90 रुपए प्रति किलोग्राम और 20 अगस्त को 929 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जबकि एमसीएक्स (Multi Commodity Exchange) में दो अगस्त को 957.40 रुपए प्रति किलोग्राम था जो इस महीने का सबसे अधिक रेट था। वहीं, यूपी के बाजारों में भी मेंथा ऑयल की कीमत 900-930 रुपए प्रति किलोग्राम है। जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में भारतीय बाजारों में मेंथा ऑयल के भाव में और इजाफा देखने को मिल सकता है।

कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में मेंथा ऑयल (Mentha Oil) की मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है। यूरोप और अमेरिका में जैसे-जैसे मांग बढ़ेगी भारतीय बाजारों (Mentha Oil Price in India) में भी मेंथा की कीमतें बढ़ेंगी। इसके अलावा फार्मा इंडस्ट्री से मेंथा की डिमांड बढ़ेगी, इसलिए निवेशकों के लिए अभी इसमें बने रहना ही फायदे का सौदा होगा। जबकि बारिश की वजह से मेंथा की फसल के उत्पादन प्रभावित हुई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में मेंथा की कीमत (Mint Oil Rate) 1300 से 1400 रुपये प्रति किलो के आंकड़े को छू सकती है।

Mentha Oil Uses
फार्मा और एफएमसीजी इंडस्ट्री में मेंथा ऑयल का इस्तेमाल होता है। दवाइयों के अलावा साबुन, सैनेटाइजर और कफ सीरप बनाने में भी मेंथा ऑयल इस्तेमाल होता है। इसका उपयोग पान मसाला उद्योग में भी काफी होता है।

बारिश से चौपट हुई Mentha की फसल
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बड़े पैमाने पर मेंथा की खेती होती है। देश के कुल मेंथा ऑयल निर्यात का 90 फीसदी निर्यात अकेले उत्तर प्रदेश करता है। मई और जून महीने में लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने यूपी में मेंथा (पिपरमिंट) की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके चलते लगभग 70 फीसदी मेंथा की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के प्रधान वैज्ञानिक संजय कुमार के मुताबिक, इस साल मेंथा के कुल उत्पादन में 70 फीसदी की कमी आई है। जिसके पीछे की मुख्य वजह बेमौसम बारिश रही।

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