मायावती ने दिया राहुल को झटका, आसान हुई 2019 के लिए बीजेपी की राह

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नई दिल्ली: आगामी चुनाव को लेकर जहां एक तरफ सभी विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रखा है. मोदी लहर से निपटने के लिए विपक्षी पार्टियों अपना पूरा जोर अजमती दिखाई दे रही है. इसका असर हमें कैराना से लेकर कर्नाटक तक में देखने को मिला था. अब सभी पार्टियों साल 2019 में होने वाले चुनाव के लिए महागठबंधन की तैयारियों में जुट चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा जो मुख्य भूमिका निभाते हुए दिख रहें है वो कांग्रेस, सपा और बसपा है. सपा और कांग्रेस तो एक तरफ साथ नजर आ रही है. लेकिन मायावती ने एक ऐसी शर्त रख दी है जिसकी वजह से अखिलेश और राहुल गांधी काफी मुश्किलों में पड़ सकते है.

बसपा का अन्य पार्टियों के साथ नहीं बैठ रहा है तालमेल

उपचुनावों में करारी हार मिलने के बाद से मोदी सरकार आए दिन कोई न कोई बड़ा कदम उठाती नजर आती है, वहीं इन सब हथकंडों को रोकने के लिए विपक्षी पार्टी उनकी काट निकालने में लगी हुई है. इन सबकी एकता ही वो काट है, जो मोदी सरकार की विजय रथ को रोक सकती है. वैसे भी महागठबंधन के लिए सपा और कांग्रेस में तालमेल बैठ चुका है पर बसपा के तेवर फिलहाल यूपी में सही नजर नहीं आ रहें है.  

यूपी की 80 सीटें हो सकती हैं अहम

उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन ही भाजपा को रोकने में कामयाब हो सकता है. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें है जो आने वाले चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाने वाली है. ये ही वजह है यूपी में सीट बंटवारे को लेकर विवाद जारी है. महागठबंधन का यूपी में तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. कुछ समय पहले ही मायावती ने ऐलान किया था कि वह कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी.

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मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, मायावती ने यूपी में महागठबंधन के लिए एक शर्त रखी है. जिसके कारण महागठबंधन होता नजर नहीं आ रहा है. मायावती की यह शर्त है कि उनको आधी लोकसभा सीटें चाहिए तभी गठबंधन संभव हो पाएगा. आधी सीट का मतलब है बसपा की तरफ से 80 में से 40 सीटों की मांग कर दी गई है. इसी वजह से सपा और कांगेस परेशानी में आ चुके है.

अखिलेश यादव मायावती को कम से कम 34 सीटें ही दे सकता है

जहां मायावती ने यूपी में आधी सीटों की मांग की है, लेकिन सपा और कांग्रेस उनकी इस शर्त को लेकर सहमती नहीं दे रही है. जानकारी से यह पता चला है कि अखिलेश यादव मायावती को कम से कम 34 सीटें ही दे सकता है.अगर मायावती इतनी सीटों पर राजी हो जाती है तो सही वरना अखिलेश भी उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे. इसके इशारा भी वो कर चुके हैं.

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