Mayawati: यूपी में बीजेपी को सपा नहीं, बीएसपी ही हरा सकती है… आजमगढ़ उपचुनाव के रण में उतरीं मायावती

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Mayawati: यूपी में बीजेपी को सपा नहीं, बीएसपी ही हरा सकती है… आजमगढ़ उपचुनाव के रण में उतरीं मायावती

आजमगढ़/ लखनऊः उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में उपचुनाव को लेकर बीएसपी उम्मीदवार के समर्थन में पार्टी सुप्रीम मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोग बीएसपी उम्मीदवार को जिताकर सपा को बीजेपी के साथ मिलीभगत करने पर सबक सिखा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रत्याशी जनता के बीच का है और वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी धर्मों के लोगों की मदद करते हैं।

बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है। सपा ने यहां पर धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है जबकि बीजेपी ने दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को टिकट दिया है। बीएसपी की ओर से गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा गया है। रविवार को जमाली के समर्थन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा कि बीएसपी के उम्मीदवार कई बार विधायक रहे हैं और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी धर्मों के लोगों की मदद की है। दूसरी पार्टियों में ऐसे उम्मीदवार इस समय में कहीं नजर नहीं आते।

मायावती ने कहा कि जनता के पास मौका है कि वह सपा को बीजेपी से उसकी मिलीभगत पर उसे सबक सिखा सकती है। ऐसे में यह फिर से साबित हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए सपा नहीं बल्कि बीएसपी ही एक माध्यम है। माया ने आगे कहा कि हालांकि यह उपचुनाव है लेकिन लोग अग्निपथ और बुलडोजर ऐक्शन पर बीजेपी को भी सबक सिखा सकते हैं।

इससे पहले भी मायावती ने ट्वीट करके अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि जब मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश की विशाल आबादी, खासकर युवा वर्ग गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, तनाव आदि के अग्निपथ पर हर दिन बिना थके-हारे संघर्ष करने को मजबूर हैं, तब ऐसे में उन्हें केंद्र की अल्पावधि अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना ने काफी निराश और हताश किया है।

उन्होंने आगे कहा कि रेलवे, सेना और अर्धसैनिक बल आदि में भर्ती की संख्या एवं संभावना को केंद्र द्वारा अति-सीमित करने का ही परिणाम है कि खासकर ग्रामीण परिवेश के नौजवान काफी असहाय एवं ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं तथा अपने भविष्य को अंधकार में पाकर उनका आक्रोश उबाल पर है औेर स्थिति को उचित तरीके से संभालना जरूरी है। बसपा प्रमुख ने केंद्र सरकार के अनुरोध किया कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करे तथा देश की सुरक्षा से संबंधित ऐसे अहम मामलों में संसद को विश्वास में जरूर ले। उन्होंने नौजवानों से भी संयम बरतने की अपील की।

बता दें कि सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूल-चूल परिवर्तन करते हुए सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी। इसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ नाम दिया गया है।

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