Maharashtra Politics: तो शरद पवार शमसुद्दीन और अजित पवार अजदुद्दीन बन जाते, आव्हाड के विवादित बयान पर भड़की BJP
इस मुद्दे पर एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से कहा कि बीजेपी असल मुद्दों को छिपाने के लिए और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाती है। महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बीजेपी के नेता कभी कुछ नहीं बोलते।
जितेंद्र आव्हाड का विवादित ट्वीट क्या था?
जिस ट्वीट पर महाराष्ट्र की सियासत में संग्राम मचा हुआ है। उसमें जितेंद्र आव्हाड ने क्या लिखा है? यह भी आपको बता देते हैं। दरअसल आव्हाड नहीं ट्वीट में लिखा है कि अगर दुर्योधन और कर्ण को महाभारत से हटा दिया जाए तो कृष्ण और अर्जुन का क्या महत्व रहेगा? मुगलों और आदिलशाह को छोड़ दें तो फिर शिवाजी महाराज के इतिहास को कैसे जान पाएंगे? अगर अंग्रेजों को अलग कर दिया तो आजादी की लड़ाई की गंभीरता को कैसे समझेंगे? अगर रावण को ही है रामायण से हटा दिया तो श्रीराम के चरित्र का पता कैसे चल पाएगा?
अब जितेंद्र आव्हाड का यह ट्वीट न सिर्फ उनके लिए बल्कि उनकी पार्टी के लिए भी मुसीबत का सबब बनता हुआ नजर आ रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर जितेंद्र आव्हाड एक बार पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। यूं तो जितेंद्र आव्हाड बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इसी प्रयास में वह कई बार विवादित बयान भी दे देते हैं।
जितेंद्र आव्हाड के विवादित बयानों की लिस्ट
कुछ महीने पहले जितेंद्र आव्हाड ने छत्रपति संभाजी महाराज पर एक विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि औरंगजेब हिंदू विरोधी नहीं था। अगर वह हिंदू विरोधी होता है तो जिस जगह पर छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या की गई थी। वहां पर मौजूद विष्णु मंदिर को भी उसने तोड़ दिया होता। आव्हाड ने साल 2021 में मुसलमानों को मुंह बंद रखने के लिए गुटखा खाने की भी सलाह दी थी।
आव्हाड ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कोश्यारी को महामहिम जरूर कहा जाता है लेकिन अब उनकी औकात यह कहलाने की नहीं है। जितेंद्र आव्हाड मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान कश्मीर को चाहिए आजादी का प्ले कार्ड दिखाने के बाद भी सुर्खियों में आए थे।