Maharashtra Politics: तो शरद पवार शमसुद्दीन और अजित पवार अजदुद्दीन बन जाते, आव्हाड के विवादित बयान पर भड़की BJP

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Maharashtra Politics: तो शरद पवार शमसुद्दीन और अजित पवार अजदुद्दीन बन जाते, आव्हाड के विवादित बयान पर भड़की BJP

Maharashtra Politics: तो शरद पवार शमसुद्दीन और अजित पवार अजदुद्दीन बन जाते, आव्हाड के विवादित बयान पर भड़की BJP


मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड के एक ट्वीट की वजह से बवाल मचा हुआ है। आव्हाड के ट्वीट की वजह से एनसीपी बैकफुट नजर आ रही है। बीजेपी नेता गोपीचंद पडलकर ने जितेंद्र आव्हाड पर निशाना साधा है। पडलकर ने कहा है कि अगर छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज न होते तो जितेंद्र आव्हाड जितुद्दीन, अजित पवार अजदुद्दीन और शरद पवार शमशुद्दीन बन गए होते। जितेंद्र आव्हाड ने ट्वीट में लिखा था कि अगर मुगल न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को कौन जान पाता? अब आव्हाड के इस बयान के खिलाफ बीजेपी के कार्यकर्ता पूरे महाराष्ट्र में आंदोलन कर रहे हैं। सोलापुर में बोलते हुए पडलकर ने कहा कि जितेंद्र आव्हाड अपने मुंह से शरद पवार की भाषा बोल रहे हैं। आव्हाड को वोटों की गंदी राजनीति के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज पर ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। वोट के लिए लोगों के बीच में गलत बातें फैलाना, महापुरुषों का अपमान करना गलत और निंदनीय है। लोग यह सब देख रहे हैं, सही समय पर महाराष्ट्र की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी।

इस मुद्दे पर एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से कहा कि बीजेपी असल मुद्दों को छिपाने के लिए और लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे हथकंडे अपनाती है। महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बीजेपी के नेता कभी कुछ नहीं बोलते।

जितेंद्र आव्हाड का विवादित ट्वीट क्या था?
जिस ट्वीट पर महाराष्ट्र की सियासत में संग्राम मचा हुआ है। उसमें जितेंद्र आव्हाड ने क्या लिखा है? यह भी आपको बता देते हैं। दरअसल आव्हाड नहीं ट्वीट में लिखा है कि अगर दुर्योधन और कर्ण को महाभारत से हटा दिया जाए तो कृष्ण और अर्जुन का क्या महत्व रहेगा? मुगलों और आदिलशाह को छोड़ दें तो फिर शिवाजी महाराज के इतिहास को कैसे जान पाएंगे? अगर अंग्रेजों को अलग कर दिया तो आजादी की लड़ाई की गंभीरता को कैसे समझेंगे? अगर रावण को ही है रामायण से हटा दिया तो श्रीराम के चरित्र का पता कैसे चल पाएगा?

अब जितेंद्र आव्हाड का यह ट्वीट न सिर्फ उनके लिए बल्कि उनकी पार्टी के लिए भी मुसीबत का सबब बनता हुआ नजर आ रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर जितेंद्र आव्हाड एक बार पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। यूं तो जितेंद्र आव्हाड बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इसी प्रयास में वह कई बार विवादित बयान भी दे देते हैं।

जितेंद्र आव्हाड के विवादित बयानों की लिस्ट
कुछ महीने पहले जितेंद्र आव्हाड ने छत्रपति संभाजी महाराज पर एक विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि औरंगजेब हिंदू विरोधी नहीं था। अगर वह हिंदू विरोधी होता है तो जिस जगह पर छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या की गई थी। वहां पर मौजूद विष्णु मंदिर को भी उसने तोड़ दिया होता। आव्हाड ने साल 2021 में मुसलमानों को मुंह बंद रखने के लिए गुटखा खाने की भी सलाह दी थी।

आव्हाड ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कोश्यारी को महामहिम जरूर कहा जाता है लेकिन अब उनकी औकात यह कहलाने की नहीं है। जितेंद्र आव्हाड मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान कश्मीर को चाहिए आजादी का प्ले कार्ड दिखाने के बाद भी सुर्खियों में आए थे।

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