Maharashtra Politics: अजित पवार का पत्ता कटा, एनसीपी को मिलेगी पहली महिला अध्यक्ष? रेस में सबसे आगे कौन, जानिए
मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार के इस्तीफे के बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है। पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध कर रहे हैं। हालांकि खबर है कि शरद पवार इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। लिहाजा अब एनसीपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है। अजीत पवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नामित किए जाने की उम्मीद थी। लेकिन यह संभावना खत्म हो गई है। सूत्रों ने बताया कि अजित पवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं मिलेगा। सूत्रों की माने तो अजित पवार की जगह एनसीपी अध्यक्ष का पद महिला नेता के पास जाएगा। संभवतः यह नाम सुप्रिया सुले का होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद शरद पवार का उत्तराधिकारी कौन होगा? यह सवाल पूछा जा रहा है।
इस मुकाबले में अजित पवार और सुप्रिया सुले का नाम है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अजित पवार ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। हालांकि, अजित पवार के नाम का पार्टी में एक गुट द्वारा पुरजोर विरोध बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अजित दादा के गुस्सैल स्वभाव और बेबाकी से भविष्य में पार्टी को नुकसान हो सकता है। इसलिए सूत्रों का कहना है कि अजित पवार का नाम पार्टी को नापसंद है।
सुप्रिया सुले नई अध्यक्षा होंगी?
एनसीपी अध्यक्ष पद पर अजित पवार की जगह सुप्रिया सुले को लिए जाने की संभावना है। सुप्रिया सुले आज कर्नाटक के निपानी में चुनाव प्रचार में जाने वाली थीं। हालांकि, उनका यह दौरा अब रद्द हो गया। सुप्रिया फ़िलहाल पार्टी की अहम मीटिंग में शामिल हो रहीं हैं। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो एनसीपी को पहली बार महिला अध्यक्ष मिलेगी। इसके अलावा सुप्रिया सुले को राज्य में किसी क्षेत्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव भी प्राप्त होगा।
अजित पवार के हाथ आई पवार वाली ‘पावर’ तो क्या होगा?
सुप्रिया सुले के चुनाव के पीछे की वजह क्या?
सुप्रिया सुले शांत स्वभाव की हैं। मीडिया के सामने कैसे बोलना है और कितना बोलना है, इसका सटीक अंदाजा है। वह शरद पवार की तरह मीडिया से मर्यादा का ध्यान रखते हुए बात करती हैं। विवादित मुद्दों पर वह जल्दी प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इसके अलावा सुप्रिया सुले की पूरे देश में अपनी पहचान है। उन्होंने लोकसभा में भी अपना प्रभाव छोड़ा है। दिल्ली के दरबार में उनका अपना वजन है।
शरद पवार का ये कौन सा दांव? महाराष्ट्र की राजनीति में आया भूचाल
राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को बढ़ावा देने और चुनाव प्रचार के लिए भी वह जाती रहती हैं। उन्हें शासन-प्रशासन की भी अच्छी समझ है। वह मिलनसार भी हैं। इसके अलावा उनमें सबको साथ लेकर चलने का हुनर है। लिहाजा इस बात की प्रबल संभावना है कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर मुहर लगे। कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी।
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इस मुकाबले में अजित पवार और सुप्रिया सुले का नाम है। कहा तो यह भी जा रहा है कि अजित पवार ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। हालांकि, अजित पवार के नाम का पार्टी में एक गुट द्वारा पुरजोर विरोध बताया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अजित दादा के गुस्सैल स्वभाव और बेबाकी से भविष्य में पार्टी को नुकसान हो सकता है। इसलिए सूत्रों का कहना है कि अजित पवार का नाम पार्टी को नापसंद है।
सुप्रिया सुले नई अध्यक्षा होंगी?
एनसीपी अध्यक्ष पद पर अजित पवार की जगह सुप्रिया सुले को लिए जाने की संभावना है। सुप्रिया सुले आज कर्नाटक के निपानी में चुनाव प्रचार में जाने वाली थीं। हालांकि, उनका यह दौरा अब रद्द हो गया। सुप्रिया फ़िलहाल पार्टी की अहम मीटिंग में शामिल हो रहीं हैं। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद मिल सकता है। अगर ऐसा होता है तो एनसीपी को पहली बार महिला अध्यक्ष मिलेगी। इसके अलावा सुप्रिया सुले को राज्य में किसी क्षेत्रीय राजनीतिक दल की पहली महिला अध्यक्ष बनने का गौरव भी प्राप्त होगा।
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सुप्रिया सुले शांत स्वभाव की हैं। मीडिया के सामने कैसे बोलना है और कितना बोलना है, इसका सटीक अंदाजा है। वह शरद पवार की तरह मीडिया से मर्यादा का ध्यान रखते हुए बात करती हैं। विवादित मुद्दों पर वह जल्दी प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इसके अलावा सुप्रिया सुले की पूरे देश में अपनी पहचान है। उन्होंने लोकसभा में भी अपना प्रभाव छोड़ा है। दिल्ली के दरबार में उनका अपना वजन है।
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राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी को बढ़ावा देने और चुनाव प्रचार के लिए भी वह जाती रहती हैं। उन्हें शासन-प्रशासन की भी अच्छी समझ है। वह मिलनसार भी हैं। इसके अलावा उनमें सबको साथ लेकर चलने का हुनर है। लिहाजा इस बात की प्रबल संभावना है कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम पर मुहर लगे। कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी।
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