LIC के आईपीओ से जॉब, सामाजिक योजनाओं पर असर पड़ने की आशंका क्यों है?

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LIC के आईपीओ से जॉब, सामाजिक योजनाओं पर असर पड़ने की आशंका क्यों है?

हाइलाइट्स

  • देश ही नहीं, दुनिया भर के निवेशक और मर्चेंट बैंकर की नजर सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री पर है।
  • LIC को ग्रामीण और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की बीमा संबंधी मदद करने के लिए बनाया गया था।
  • LIC रोड, रेलवे और ऊर्जा जैसे पूंजी की अधिक जरूरत वाले सेक्टर को पिछले छह दशक से फाइनेंस उपलब्ध कराती आ रही है।

नई दिल्ली
LIC IPO News: देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ आने वाला है। देश ही नहीं, दुनिया भर के निवेशक और मर्चेंट बैंकर की नजर सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री पर है। देश के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन का कहना है कि एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री के बाद जॉब लॉस और कंपनी के सोशल इन्फ्राट्रक्चर स्पेंडिंग प्लान पर असर पड़ सकता है।

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LIC की स्थापना का उद्देश्य

ऑल इंडिया एलआईसी इंप्लाइज फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी राजेश कुमार ने कहा, “लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ग्रामीण और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों की बीमा संबंधी मदद करने के लिए बनाया गया था। भारतीय जीवन बीमा निगम रोड, रेलवे और ऊर्जा जैसे पूंजी की अधिक जरूरत वाले सेक्टर को पिछले छह दशक से फाइनेंस उपलब्ध कराती आ रही है।”

लिस्टिंग के बाद मुनाफे पर ध्यान
कुमार ने कहा कि आईपीओ के बाद एलआईसी का फोकस मुनाफा बढ़ाने वाले निवेश की तरफ मुड़ सकता है। इससे ग्रामीण और सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को बीमा उपलब्ध कराने के एलआईसी के मूल उद्देश्य पर असर पड़ सकता है।

जुलाई में लगी थी कैबिनेट की मुहर
मोदी कैबिनेट ने जुलाई 2021 में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के विनिवेश को मंजूरी दी थी। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वित्त मंत्री की अगुवाई वाली एक समिति एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री की मात्रा तय कर रही है। LIC को भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ कहा जा रहा है। एलआईसी कानून में बजट संशोधनों को अधिसूचित कर दिया गया है।

ट्रेड यूनियन करेगा प्रदर्शन
एलआईसी का यह ट्रेड यूनियन 1,14,000 स्टाफ में से 4,000 का प्रतिनिधित्व करता है। इस ट्रेड यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसदों को पत्र लिखकर एलआईसी कि शेयर बाजार में लिस्टिंग का विरोध किया है। यह ट्रेड यूनियन एलआईसी में हिस्सेदारी बिक्री से संबंधित चिंताओं को लेकर प्रदर्शन करने वाला है।

इसी साल बिकेगा LIC में हिस्सा
एलआईसी का आईपीओ चालू वित्त वर्ष के अंत तक आ सकता है। एलआईसी आईपीओ के निर्गम आकार का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। प्रस्तावित आईपीओ के लिए सरकार पहले ही एलआईसी कानून में जरूरी विधायी संशोधन कर चुकी है।

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