KV Thomas: पिनराई विजयन केरल के गौरव…केवी थॉमस की खता क्या, जिसकी कांग्रेस देने वाली है सजा

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KV Thomas: पिनराई विजयन केरल के गौरव…केवी थॉमस की खता क्या, जिसकी कांग्रेस देने वाली है सजा

तिरुवनंतपुरम: केरल कांग्रेस के सीनियर नेता केवी थॉमस की पार्टी में उल्टी गिनती चल रही है। कभी भी उनकी पार्टी से विदाई का फरमान आ सकता है। पार्टी की ऐक्शन कमिटी ने अनुशासनहीनता के आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। केवी थॉमस पांच बार सांसद होने के साथ ही केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस झंझवातों में घिरी है। पंजाब के बाद गुजरात में भी असंतोष से जूझती पार्टी को केरल में भी अपनों की बगावत झेलनी पड़ रही है। आपको बताते हैं कि केवी थॉमस की खता क्या थी, जिसकी उनको सजा मिलने जा रही है।

पार्टी से कड़ी चेतावनी मिलने के बावजूद केवी थॉमस 9 अप्रैल को कन्नू में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए। वह कार्यक्रम में शामिल ही नहीं हुए बल्कि उन्होंने वामपंथी दिग्गज और केरल के सीएम पिनराई विजयन की जमकर तारीफ की। यहां तक कि थॉमस ने पिनराई को केरल का गौरव करार दिया। थॉमस की केरल प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व से कुछ दिनों से अनबन है। थॉमस जब सीपीएम के सम्मेलन में पहुंचे तो लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। तटवर्ती केरल के ईसाई समुदाय में काफी प्रभाव रखने वाले थॉमस का शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इस दौरान सीपीएम के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन की ओर से उन्हें ईसा मसीह की तस्वीर भी गिफ्ट की गई।

थॉमस ने कार्यक्रम में कहा, ‘पिनराई विजयन केरल के गौरव हैं, केवल मैं ही नहीं, बल्किन स्टालिन की भी केरल के मुख्यमंत्री के प्रति यही राय है।’ इस दौरान विजयन ने कहा कि थॉमस को सम्मेलन में कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित किया गया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर को भी सम्मेलन में शामिल होने के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें इसमें शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई थी।

थॉमस ने सीपीएम के सम्मेलन में विजयन के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन के साथ मंच साझा किया था। थॉमस ने कहा, ‘जब मैं आपको (दर्शकों) को देखता हूं, तो मुझे महसूस होता है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने का मेरा फैसला पूरी तरह सही है। मुझे लगता है कि मेरे यहां आने से कांग्रेस पार्टी भी मजबूत होगी।’

केरल कांग्रेस ने सोनिया गांधी को खत लिखकर थॉमस के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की थी। कमिटी ने आरोप लगाया कि सीपीएम के सेमिनार में हिस्सा लेने का थॉमस का फैसला पहले से तय था। केरल कांग्रेस चीफ के सुधाकरन ने दावा किया कि थॉमस पिछले एक साल से मार्क्सवादी नेताओं के संपर्क में थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के निर्देशों के खिलाफ काम किया है।

सीपीएम की 23वीं पार्टी कांग्रेस 6 अप्रैल से 10 अप्रैल तक कन्नूर के लाल किले में आयोजित की गई थी। सीपीएम ने शशि थरूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री के.वी. थॉमस को राष्ट्रीय राजनीति पर सेमिनार में हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस के किसी भी नेता को सीपीएम की सेमिनार में भाग नहीं लेना चाहिए क्योंकि पार्टी पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली वाम सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण सीपीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।

दरअसल कांग्रेस राज्य में वाम सरकार की के-रेल परियोजना के खिलाफ है। सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को लेकर कांग्रेस का कहना है कि विजयन सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है। अगर कांग्रेस नेता सीपीएम के कार्यक्रम में शामिल हुए तो इससे जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। साथ ही यह पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता को गलत संदेश भी देगा। इसलिए सीपीएम की सेमिनार में जाने पर पार्टी ने रोक लगाई थी। केरल कांग्रेस चीफ सुधाकरन ने साफ कहा था कि सेमिनार में हिस्सा लेने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।



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