यहाँ भैंसों को किडनैप करके मांगी जाती है फ़िरौती

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यहाँ भैंसों को किडनैप करके मांगी जाती है फ़िरौती
यहाँ भैंसों को किडनैप करके मांगी जाती है फ़िरौती

इंसानों की किडनैपिंग के बारें में सबने सुना होगा। लेकिन अगर कोई कहे कि भैंसों की भी किडनैपिंग होती है तो यह जरा हैरानी भरा लगता है। ऐसा होता है वह भी मध्य प्रदेश के चम्बल में। चम्बल वैसे डाकुओं का गढ़ माना जाता है। यहाँ पर अपहरण और हत्या के किस्से पूरे देश में मशहूर।

चम्बल में यह काम काफी लम्बे समय से बिना रोक टोक के चल रहा है। भैंसों को अगवा किया जाता है फिर उसके बदले फिरौती मांगी जाती है।

यहाँ की भाषा में इस काम को ‘पनिहाई’ कहा जाता है। पनिहाई का अर्थ होता है कि बिचौलिये के जरिये एक बड़ी रकम लेकर चोरी की गयी भैंस को उसके मालिक तक पहुंचना।

फिरौती में जो कीमत मांगी जाती है वह भैंस की कीमत का 30% होती है। भैसों को चुराने वाले और दलालों की नेताओं के बीच पैठ पुलिस को कोई भी कार्यवाही नहीं करने देती है।

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पनिहाई से जुड़े ज्यादातर केस पुलिस तक पहुँचते ही नहीं है। पुलिस को चोरों का नाम पता सब मालूम होता है लेकिन उनके गाँव में पुलिस नहीं घुस पाती है। ये चोर समुदाय के रूप में एकजुट होकर पुलिस का विरोध करते हैं और जब पुलिस आती है तो उनपर गोलियाँ भी चलाते हैं। पीड़ित पक्ष वाले इस घटना से काफी परेशान हो चुके हैं।

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मुरैना एसपी डॉ. असित यादव ने बताया, सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पशु चुराने वाले पुराने बदमाशों की हिस्ट्रीशीट तैयार करें और उन्हें थाने बुलाकर पाबंद किया जाए। पुलिस से मवेशी चोरी की पुरानी घटनाओं और आरोपियों का रिव्यू शुरू करा रहे हैं।