karwa chauth 2022: चौथ माता के इस सबसे बड़े मंदिर में आज लगा है भक्तों का तांता, सैकड़ों साल पहले भी राजा से लेकर प्रजा तक लगाते थे धौक

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karwa chauth 2022: चौथ माता के इस सबसे बड़े मंदिर में आज लगा है भक्तों का तांता, सैकड़ों साल पहले भी राजा से लेकर प्रजा तक लगाते थे धौक

karwa chauth 2022: चौथ माता के इस सबसे बड़े मंदिर में आज लगा है भक्तों का तांता, सैकड़ों साल पहले भी राजा से लेकर प्रजा तक लगाते थे धौक

Karwa Chauth Temple: आज देशभर में करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है। दिनभर करवा चौथ का व्रत करने वाली महिलाएं रात को चांद को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलेंगी। इसी बीच आज चौथ माता के सबसे बड़े मंदिर के रूप में पहचाने जाने वाले चौथ का बरवाड़ा मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा हुआ है।

 

हाइलाइट्स

  • इस चौथ माता मंदिर की स्थापना 1451 में तत्कालीन शासक भीमसिंह ने कराई थी
  • 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी तथा पहाड़ी की तलहटी में तालाब का र्निमाण हुआ
  • सौलहवीं शताब्दी में यह कस्बा चैहान वंश से मुक्त होकर राठौड वंश के अधीन आ गया
  • इस वंश के शासकों में भी माता के प्रति गहरी आस्था थी
सवाई माधोपुर: वैसे तो पूरे भारतवर्ष में करोड़ों मंदिर हैं और लोग अपनी अपनी श्रद्धा के अनुसार देवी देवताओं में आस्था रखते हैं। कोई विष्णु उपासक है, तो कोई शिव उपासक है, तो कोई देवी उपासक है। लेकिन राजस्थान के सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) जिले के चौथ का बरवाडा (Barawada) कस्बे में मां अम्बे का एक ऐसा मंदिर है जिसे लोग चौथ माता के रूप में पूजते हैं। यहां आने वाले भक्त माता पर अथाह आस्था रखते हैं। तभी तो साल भर माता के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है। विशेष कर हिन्दू महिनों की हर चौथ और करवा चौथ (Karwa Chauth) पर माता के दरबार में श्रद्धा का सैलाब उमड़ता है। गुरुवार को करवा चौथ के व्रत के दिन भी यहां भक्तों को हुजूम उमड़ा है। माता के दर्शन के लिए मंदिर में भारी भीड़ लगी है।
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1000 फीट की ऊंचाई पर विराजमान है चौथ माता
सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा की पहाड़ियों पर करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर विराजमान है चौथ माता। जन जन की आस्था का केन्द्र यह मंदिर यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अटा रहता है। मां अम्बे के इस रूप को चौथ माता के रूप में पूजा जाता है। माता के दर्शन के लिये प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से भी वर्ष भर लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। चौथ माता से भक्तों की अटूट आस्था जुड़ी हैं।

मंदिर के पास तलहटी में बना है सरोवर

करवा चौथ के दौरान होने वाले धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व माना जाता है। पहाड़ी की तलहटी में चौथ माता सरोवर बना हुआ है। यहां आने वाले श्रद्धालु सरोवर की पाल पर चढ़कर भरे तालाब के समीप ऊंचे सुरम्य पहाड़ पर माता के भव्य दरबार को देखकर अभिभूत हो जाते हैं। भक्त एक बार माता के दरबार में धौक लगाने आता है वो यहां का सुन्दर और मनमोहक दृस्य देखकर बार बार माता के दरबार में आना चाहता है।

1451 में शासक भीमसिंह के ने करवाया था निर्माण

चौथ माता मंदिर को लेकर यहां के लोगों में कई प्रकार की किवदन्तियां प्रचलित हैं। साथ ही माता के मंदिर की स्थापना को लेकर भी लोगों के अलग अलग मत हैं। अधिकतर लोगों का मानना है की चौथ माता मंदिर की स्थापना 1451 में यहां के तत्कालीन शासक भीम सिंह के हाथों की गई थी। 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजल की छतरी तथा पहाड़ी की तलहटी में तालाब का र्निमाण करवाया गया था। सौलहवीं शताब्दी में यह कस्बा चैहान वंश से मुक्त होकर राठौड़ वंश के अधीन आ गया था। इस वंश के शासकों में भी माता के प्रति गहरी आस्था थी। कहा जाता है की राठौड़ वंश के शासक तेजसिंह राठौड ने 1671 में मुख्य मंदिर के दक्षिण हिस्से में एक तिबारा बनवाया था।

हाड़ौती में शुभ कार्य के लिए माता के दरबार भेजा जाता है निमंत्रण

हाड़ौती क्षेत्र के लोग हर शुभ कार्य करने से पहले आज भी माता को निमन्त्रण देने आते है। प्रगाढ़ आस्था के कारण बूंदी राजघराने के समय से ही चौथ माता को कुल देवी के रुप में पूजा जाता है। माता के नाम पर कोटा में चौथ माता बाजार भी है।

जयपुर राजघराने ने बनवाया था मंदिर!

वहीं कुछ लोगों का मानना है की चौथ माता मंदिर की स्थापना जयपुर राजघराने की ओर से कराई गई थी। जब राव माधोसिह ने सवाई माधोपुर बसाया था। उसी दौरान यहां मंदिर भी बनवाया गया था। क्योंकि राव माधोसिह माता को कुलदेवी के रूप में पूजते थे। कहा जाता है कि एक बार लड़ाई के दौरान मातेश्री नामक एक महिला के पति की मौत हो गई थी। इस पर महिला ने अपने पति के साथ सती होने की जिद की। तो राव माधासिंह ने सती प्रथा पर रोक लगा दी और महिला को सती नहीं होने दिया गया। इस पर महिला ने माता के दरबार में गुहार लगाई थी। इस पर माता ने महिला के पति को जीवनदान देकर जीवित किया था। तभी से पूरे राजस्थान में महिलाएं माता के नाम से चौथ माता का व्रत करती हैं और तभी से महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखती हैं।

करवा चौथ के दिन उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

महिलाओं में करवा चौथ को लेकर विशेष उत्साह रहता है। इस दिन माता के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ता है। इसबार भी गुरुवार को चौथ माता मंदिर बड़ी सख्या में भक्त पहुंचे हैं।

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