Kabul Gurudwara Blast: ‘वीजा पहले मिलता तो आज जिंता होते…’, काबुल में मारे गए सविंदर की पत्नी का छलका दर्द

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Kabul Gurudwara Blast: ‘वीजा पहले मिलता तो आज जिंता होते…’, काबुल में मारे गए सविंदर की पत्नी का छलका दर्द

नई दिल्लीः अफगानिस्तान के करते परवान गुरुद्वारे में इस्लामिक स्टेट के हमले में मारे गए दिल्ली के सविंदर सिंह वहां पान की दुकान चलाते थे। तालिबान के कब्जे के बाद ही वह दिल्ली आना चाहते थे, जहां उनका परिवार रहता है। उन्होंने ई-वीजा के लिए आवेदन किया था, जिसे रविवार को मंजूरी मिली।

दिल्ली के तिलक नगर में पैतृक घर में रहने वालीं सविंदर सिंह की पत्नी पाल कौर कहती हैं कि तालिबान के कब्जे के बाद से ही हम चाहते थे कि वह तुरंत लौट आएं। वह अपनी दुकान बेचकर हमेशा के लिए दिल्ली में बसने को तैयार थे, लेकिन समय से वीजा नहीं मिला और हमने उन्हें खो दिया। अगर वीजा समय से मिलता तो उनकी ऐसी दर्दनाक मौत नहीं होती।

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150 सिखों का घर था गुरुद्वारा
गुरुद्वारा कम से कम 150 सिखों का घर था, जो पिछले अगस्त में अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद से वहां रह रहे थे। सविंदर सिंह वहां एक ग्रंथी भी थे।

वीजा देने की रखी मांग
तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान से सिखों को निकालने के लिए भारत सरकार के साथ समन्वय कर रहे भारत विश्व मंच अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने कहा कि वह सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे वहां रहने वाले 150 से अधिक सिखों को वीजा प्रदान करें। सविंदर भी उन 109 लोगों में शामिल हैं, जिनके वीजा को मंजूरी दी गई है, लेकिन यह उनके लिए बहुत देर से आया। सरकार को उन लोगों को बचाने के लिए तत्काल प्रयास करना चाहिए जो अभी भी लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अफगानिस्तान के काबुल में शनिवार को गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने वहां रह रहे 100 से ज्यादा सिखों और हिंदुओं को ई-वीजा दिया है। इन्हें प्राथमिकता के आधार पर वीजा दिया गया है, जिससे ये भारत लौट सकें।

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बता दें कि शनिवार को काबुल में हथियारबंद बंदूकधारियों ने एक गुरुद्वारे पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस हमले में एक सिख सहित दो लोगों की मौत हो गई थी, वहीं सात लोग घायल हो गए थे। अफगान सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक से भरे ट्रक को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक कर बड़ी घटना को नाकाम किया था। वहीं, गुरुद्वारे पर हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली है। उन्होंने हमले को एक भारतीय नेता की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी का बदला बताया है।

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