Jungle news : मुकंदरा के नए ‘राजा’ ने रखा टाइगर रिजर्व में कदम, रानी से जल्द होगी मुलाकात , पढ़ें डिटेल्स

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Jungle news : मुकंदरा के नए ‘राजा’ ने रखा टाइगर रिजर्व में कदम, रानी से जल्द होगी मुलाकात , पढ़ें डिटेल्स

Jungle news : मुकंदरा के नए ‘राजा’ ने रखा टाइगर रिजर्व में कदम, रानी से जल्द होगी मुलाकात , पढ़ें डिटेल्स

कोटा: राजस्थान के तीसरे टाइगर रिजर्व मुकंदरा की रौनक बढ़ाने के लिए प्रयास लगातार तेज किए जा रहे हैं। इसी क्रम में नया अपडेट यह है कि यहां अब रणथंभौर से शिफ्ट किए गए T-110 बाघ का डॉक्यूमेंटेशन पूरा कर उसे यहां छोड़ा गया है। डॉक्यूमेंटेशन के बाद इसका नाम बदलकर MT-5 बाघ कर दिया गया है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बाघ का हेल्थ चेकअप कर इसे मुंकदरा में शिफ्ट किया गया है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मुंकदरा में शिफ्ट किए गया यह बाघ अब रिजर्व के जंगल में अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। वहीं जल्दी MT-5 बाघ के रिजर्व की एकमात्र MT-4 बाघिन से जल्द मिलने की उम्मीद है। क्योंकि बाघ और बाघिन के बीच साढे 3 किलोमीटर की दूरी है। बाघिन ने अपनी टेरिटरी मार्क की हुई है। ऐसे में मार्क टेरिटरी को ट्रेस करते हुए यह बाघ जल्द बाघिन से मिलेगा।

टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसपी सिंह ने कहा कि बाघ को सोमवार को एक हेक्टेयर के एनक्लोजर से खुले जंगल में छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि एनक्लोजर से रिलीज होने पर बाघ चलकर पानी के ओर गया। बाघ की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। वहीं बाघिन की भी मॉनिटरिंग नियमित चल रही है। मुकंदरा टाइगर रिजर्व के MT-5 बाघ और MT-4 बाघिन के गले में रेडियो कॉलर लगा हुआ है और ट्रेकिंग के साथ-साथ वन विभाग रेडियो कॉलर के जरिए इनकी निगरानी किए हुए हैं। MT-5 बाघ रणथंभौर टाइगर रिजर्व का T-110 नम्बर का बाघ था। 3 नवंबर 2022 को रणथंभौर से इसे मुकंदरा के सेल्जर में शिफ्ट किया था।

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मुकदंरा के गुलजार होने के लिए मांगी जा रही है दुआएं
आज जब हाडौतीभर के वाइल्डलाइफर को यह पता लगा कि सेल्जर वन क्षेत्र में स्थित एक हेक्टेयर के एंक्लोजर से बाघ की हार्ड रिलीज कर दी। मतलब बाघ पिंजरे से खुले जंगल में आ गया, तो सब ने बाघ की सलामती और मुकंदरा टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने की दुआएं की। मुकंदरा टाइगर रिजर्व के लिए दुआएं की। मुरादे इसलिए मांगी जा रही है क्योंकि साल 2013 में हाडोती का चंबल, कालीसिंध, आहू,अमझार नदियों अगल-बगल का यह जंगल टाइगर रिजर्व घोषित किया था। साल 2018 अप्रैल में यहां पहला बाघ लाया गया था। उसके बाद एक बाघिन लाई गई। फिर एक बाघ खुद रणथंभौर से चंबल कालीसिंध नदी के सहारे चलकर मुकंदरा टाइगर रिजर्व में पहुंचा, तो उसके लिए एक बाघिन लाई गई। बाघ बाघिन के दोनों जोड़ों से शावक भी हुए। लेकिन 2020 में मुकंदरा टाइगर रिजर्व को जाने किसकी बुरी नजर लगी।

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मुकंदरा में कुछ बाघ लापता तो कईयों की हुई मौत
यहां सबसे पहले MT-3 बाघ की अचानक मौत हो गई, फिर MT-2 बाघिन की भी मौत हो गई। MT-2 बाघिन का एक शावक लापता हो गया, तो एक शावक जो मिला उसकी भी कुछ दिन बाद मौत हो गई। MT-4 बाघिन ने एक शावक को जन्म दिया था। उसका भी आज तक कोई पता नहीं लगा। जो टाइगर रिजर्व का पहला बाघ था MT-1 वह रहस्यमय तरीके से 82 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैले एंक्लोजर से गायब हो गया। मुकंदरा इस तरह जहां था, वहीं आकर ठहर गया था। यहां बाघों की संख्या नहीं बढ़ सकी। 2 साल के लंबे इंतजार के बाद मुकंदरा टाइगर रिजर्व को यहां की अकेली जिंदगी जी रही MT-4 बाघिन को साथी के रूप में अब MT-5 के रूप में नया बाघ मिला है। लिहाजा वन्यजीव प्रेमी इसकी सलामती की दुआएं मांग रहे हैं।

बाघों की कुनबा बढ़ने से होगा टूरिज्म का विकास
राजस्थान के हाडौती संभाग को मुकंदरा टाइगर रिजर्व से काफी उम्मीद है । अगर यहां पर बाघों का कुनबा बढ़ा तो यहां देसी विदेशी पर्यटकों का हुजूम लगेगा। ईकोटूरिज्म बढ़ने से यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। क्योंकि मुकंदरा देश का ऐसा टाइगर रिजर्व है। जहां पर जंगल सफारी के साथ चंबल में जल की सफारी भी टूरिस्ट को मिलती हैं।
रिपोर्ट – अर्जुन अरविंद

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