Japan Economy: इस देश पर है सबसे ज्यादा कर्ज लेकिन एक बार भी नहीं किया है डिफॉल्ट, पूरी दुनिया मानती है लोहा

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Japan Economy: इस देश पर है सबसे ज्यादा कर्ज लेकिन एक बार भी नहीं किया है डिफॉल्ट, पूरी दुनिया मानती है लोहा

Japan Economy: इस देश पर है सबसे ज्यादा कर्ज लेकिन एक बार भी नहीं किया है डिफॉल्ट, पूरी दुनिया मानती है लोहा


दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज जापान पर है। पिछले साल सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक जापान पर 9.2 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज था जो उसकी जीडीपी से 266 फीसदी ज्यादा है। जापान पर भारी कर्ज की वजह यह है कि उसने अपनी इकॉनमी की गति बनाए रखने के लिए घरेलू खर्चे में दशकों तक ज्यादा पैसा लगाया। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी जापान पर भले ही दुनिया में सबसे अधिक कर्ज है लेकिन इसके बावजूद उस पर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का सबसे ज्यादा भरोसा है। इसकी वजह यह है कि जापान ने एक बार भी कर्ज चुकाने में डिफॉल्ट नहीं किया है। आखिर जापान में ऐसा क्या है कि दुनिया के निवेशक उस पर आंख मूंदकर भरोसा करते हैं?

क्यों बढ़ा कर्ज

जापान पर कर्ज का बोझ 1990 के दशक से तेजी से बढ़ना शुरू हुआ। इस दौरान फाइनेंस और रियल एस्टेट कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई। 1991 में देश में जीडीपी और कर्ज का अनुपात 39 फीसदी था। लेकिन 2000 आते-आते जापान का कर्ज उसकी जीडीपी के बराबर पहुंच गया। अगले दस साल में देश का कर्ज उसकी जीडीपी का 200 फीसदी हो गया। इसके बाद जापान की इकॉनमी का ग्रोथ रेट कम होता चला गया और उसे इकनॉमिक इंसेटिव का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान जापान को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मंदी, भूकंप और सूनामी

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2008 में लीमन ब्रदर्स के फेल होने के कारण पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी और जापान भी इससे अछूता नहीं रहा। 2011 में हिरोशिमा में भूकंप ने देश को बुरी तरह हिलाकर रख दिया। फिर देश को सूनामी से हुई तबाही का सामना करना पड़ा। बचीखुची कसर कोरोना ने पूरी कर दी। इस दौरान जापान ने बड़े आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया। देश में जरूरी खर्चों को पूरा करने के लिए बॉन्ड्स को बेचना शुरू किया। यानी जापान अंतरराष्ट्रीय बाजार से पैसा उठा रहा है। सुरक्षित निवेश में विश्वास करने वाले निवेशकों के लिए जापान पहली पसंद है।

कभी नहीं किया डिफॉल्ट

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दुनिया में सबसे ज्यादा कर्ज होने के बावजूद जापान को कर्ज मिलने में कोई दिक्कत नहीं होती है। जापान आज तक किसी भी कर्ज पर डिफॉल्टर साबित नहीं हुआ। साथ ही उसने बेहद कम ब्याज पर सरकारी बॉन्डस के जरिए लोन लिया है। जापान के साथ खास बात यह है कि वह दूसरे देशों की करेंसी में लोन नहीं लेता है। जापान सारा कर्ज उसकी करेंसी येन में है। इससे जापान का केंद्रीय बैंक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में होने वाली उठापटक से कम प्रभावित होता है। जापान पर कर्ज का 90 फीसदी हिस्सा जापानी निवेशकों का है। यही वजह है कि जब बाकी दुनिया में ब्याज दरों में भारी इजाफा हो रहा है तब भी जापान में यह काफी कम है।

दुनिया का सबसे पावरफुल पासपोर्ट

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जापान का पासपोर्ट दुनिया में सबसे पावरफुल माना जाता है। अगर आपके पास जापान का पासपोर्ट है तो आप बिना वीजा के 193 देशों में जा सकते हैं। दुनिया में कुल 227 देश हैं। यानी जापान के पासपोर्ट के साथ आप बिना वीजा के दुनिया के 85 फीसदी देशों में जा सकते हैं। हालांकि देश में जन्म दर तेजी से गिर रही है। जापान के प्रधानमंत्री ने इस पर चिंता जताई है। सरकार देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए खर्च दोगुना करना चाहती है। सरकार के अनुमान के मुताबिक 2022 में आठ लाख से कम बच्चों ने जन्म लिया। जापान ने साल 1899 में आबादी का रेकॉर्ड रखना शुरू किया था और उसके बाद पहली बार देश में एक साल में आठ लाख से कम बच्चों का जन्म होने का अनुमान है।

जापानी परिवारों की घटती इनकम

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जापान की इकनॉमिक ग्रोथ में 1990 के दशक की शुरुआत से कमी आनी शुरू हुई थी। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक 1990 में यह 4.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी थी लेकिन 2019 आते-आते जीडीपी ग्रोथ रेट 0.3 फीसदी पर आ गई। इस दौरान जापानी परिवारों की इनकम में भी गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1995 में यह 50,600 डॉलर थी जो 2020 में घटकर 43,300 डॉलर रह गई। इस दौरान चीन जैसे कई देशों ने तेजी से प्रगति की है। आज अमेरिका के बाद चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है।

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