IRCTC Scam: तेजस्वी की ‘धमकी’ पर मंगलवार को फैसला, CBI कोर्ट में पेश होने के लिए दिल्ली गए बिहार के डेप्युटी सीएम
पटना: बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ( Tejashwi Yadav ) को 18 अक्टूबर को IRCTC स्कैम मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ( CBI Court Delhi ) में पेश होना है। उसके लिए तेजस्वी यादव सोमवार को पटना से दिल्ली रवाना हो गए। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि मंगलवार को दिल्ली में सीबीआई कोर्ट में सशरीर हाजिर होना है, उसके लिए दिल्ली जा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि जब तक ये सरकार है, ये सब होते रहेगा। तेजस्वी यादव ने कहा कि विश्वास मत के दिन जब हर जगह रेड पड़ रहे थे, उसी दिन हमने स्पष्ट कर दिया था कि जब तक ये लोग रहेंगे तब तक इसी तरह का काम चलता रहेगा। कल अदालत में हमें बुलाया गया है। हमें अदालत पर पूरा विश्वास है। हमें न्याय मिलेगा।
दरअसल, आईआरसीटीसी घोटाला ( IRCTC Scam ) मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को रेलवे होटलों से जुड़े एक घोटाले के मामले में उनकी जमानत रद्द करने की सीबीआई की याचिका पर व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने मामले में जवाब देने के लिए वकील को समय देते हुए 18 अक्टूबर को तेजस्वी यादव की व्यक्तिगत उपस्थिति की मांग की थी।
गौरतलब है कि 17 सितंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI) ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) से जुड़े कथित घोटाले में तेजस्वी यादव को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मामला 2006 का है जब उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यूपीए -1 सरकार में रेल मंत्री थे। यह आरोप लगाया गया था कि एक निजी फर्म के साथ आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव अनुबंध से जुड़ी कई अनियमितताएं हुई थीं। राजद नेता और उनकी मां राबड़ी देवी को 2018 में इस मामले में जमानत दी गई थी।
सीबीआई ने अर्जी में कही है ये बात
केंद्रीय एजेंसी ने अपने एक तर्क में कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रभावित हुआ। रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटल रिश्वत मामले में शामिल थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 24 अगस्त को सीबीआई ने पटना, कटिहार, मधुबनी, वैशाली और सीतामढ़ी जिलों में राजद नेताओं के परिसरों पर कई छापे मारे थे। इसके अलावा, गुरुग्राम में अर्बन क्यूब्स मॉल के एक अन्य मामले की भी जांच की, कथित तौर पर यह माना जाता है कि तेजस्वी यादव ने इसमें निवेश किया था।
छापेमारी के बाद, 25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने धमकी और चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि क्या सीबीआई अधिकारियों की मां बहनें और बच्चे नहीं होते? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।
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गौरतलब है कि 17 सितंबर को केंद्रीय जांच ब्यूरो ( CBI) ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) से जुड़े कथित घोटाले में तेजस्वी यादव को दी गई जमानत को चुनौती देते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। मामला 2006 का है जब उनके पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यूपीए -1 सरकार में रेल मंत्री थे। यह आरोप लगाया गया था कि एक निजी फर्म के साथ आईआरसीटीसी होटलों के रखरखाव अनुबंध से जुड़ी कई अनियमितताएं हुई थीं। राजद नेता और उनकी मां राबड़ी देवी को 2018 में इस मामले में जमानत दी गई थी।
सीबीआई ने अर्जी में कही है ये बात
केंद्रीय एजेंसी ने अपने एक तर्क में कहा है कि तेजस्वी यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अधिकारियों को धमकी दी थी, जिससे मामला प्रभावित हुआ। रांची और पुरी में दो आईआरसीटीसी होटल रिश्वत मामले में शामिल थे। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि आईआरसीटीसी मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। 24 अगस्त को सीबीआई ने पटना, कटिहार, मधुबनी, वैशाली और सीतामढ़ी जिलों में राजद नेताओं के परिसरों पर कई छापे मारे थे। इसके अलावा, गुरुग्राम में अर्बन क्यूब्स मॉल के एक अन्य मामले की भी जांच की, कथित तौर पर यह माना जाता है कि तेजस्वी यादव ने इसमें निवेश किया था।
छापेमारी के बाद, 25 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने धमकी और चेतावनी भरे अंदाज में कहा था कि क्या सीबीआई अधिकारियों की मां बहनें और बच्चे नहीं होते? क्या उनका परिवार नहीं है? क्या वे हमेशा सीबीआई अधिकारी रहेंगे? क्या वे रिटायर नहीं होंगे? सिर्फ यही पार्टी सत्ता में बनी रहेगी? आप क्या संदेश देना चाहते हैं? आपको संवैधानिक संगठन के कर्तव्य का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।