Coronavirus Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के अस्पतालों की पहल, घर-घर जाकर कर रहे टीकाकरण

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Coronavirus Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के अस्पतालों की पहल, घर-घर जाकर कर रहे टीकाकरण

Coronavirus Third Wave: कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के अस्पतालों की पहल, घर-घर जाकर कर रहे टीकाकरण

नई दिल्ली
कोरोना वायरस ने न केवल करोड़ो लोगों को अपना शिकार बनाया है बल्कि इसके कारण बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना के कारण बच्चों के नियमित टीकाकरण में समस्याएं आ रही हैं। लोग कोरोना संक्रमण के कारण अस्पतालों में जाकर बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं करवा पा रहे हैं। बच्चों के अई अस्पतालों ने इसके लिए बीड़ा उठाया है।

अस्पतालों की पहल
अभी कोरोना की दूसरी लहर पूरी तरह थमी नहीं है कि तीसरी लहर की बात सामने आ रही है। कई रिपोर्ट्स की मानें तो कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा नुकसान हो सकता है। बच्चों के अस्पतालों ने इसके लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। ये अस्पताल तीसरी लहर से पहले बच्चों को नियमित दिने वाले टीका लगाने जा रही हैं। अस्पतालों ने रोटावायरस, पोलियो, डिप्थीरिया, टेटनस, खसरा और मौसमी फ्लू के खिलाफ मानक टीकों के साथ घर-घर जा रहे हैं।

70 प्रतिशत की गिरावट
एक ऑडिट में मदरहुड हॉस्पिटल ने पाया कि महामारी शुरू होने के बाद से वैक्सीनेशन सेंटरों में 18 महीने से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण में 70% की गिरावट आई है। छह साल की बच्ची की मां जयश्री कानन ने कहा, ‘बेंगलुरू में लॉकडाउन और बढ़ते मामलों के कारण मैं क्लिनिक या अस्पताल नहीं जाना चाहती थी।’

शुरू किया वैक्सीनेशन
तीन हफ्ते पहले इस अस्पताल ने बेंगलुरु में अपना घरेलू टीकाकरण अभियान शुरू किया। इसके बाद पुणे, चेन्नई, कोयंबटूर, मुंबई, इंदौर और नोएडा को कवर किया। मदरहुड हॉस्पिटल, बेंगलुरु के नियोनेटोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रताप चंद्रा ने कहा, ‘हमने घर पर लगभग 500 बच्चों का टीकाकरण किया है।’

50 प्रतिशत से ज्यादा फ्लू शॉट
एक अन्य अस्पताल क्लाउडनाइन ने चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, गुड़गांव, नोएडा, चंडीगढ़ और पंचकुला में 16,000 से अधिक टीकाकरण किए हैं। जहां माता-पिता अस्पतालों में जाने को लेकर संशय में रहे हैं, वहीं अपने बच्चों के टीकाकरण न हो पाने से भी उनकी चिंता बढ़ रही है। इसलिए जब क्लाउडनाइन ने घरेलू टीकाकरण सेवाएं शुरू कीं तो मांग आसमान छू गई। क्लाउडनाइन के क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण और पश्चिम) नितिन नाग ने कहा, ‘जब से महामारी शुरू हुई है, हमने कोविड से पहले की तुलना में 50% अधिक फ्लू शॉट दिए हैं।’

हर साल टीकाकरण
हर साल टीकाकरण कार्यक्रम में 2.65 करोड़ बच्चों और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को 12 रोकथाम योग्य बीमारियों का टीकाकरण किया जाता है। इस साल फरवरी में प्रकाशित एक भारतीय अध्ययन में पाया गया कि 83% बाल रोग विशेषज्ञों ने टीकाकरण में 50% या उससे अधिक की गिरावट की सूचना दी। सरकार ने इस अंतर को पाटने के लिए उसी महीने गहन मिशन इंद्रधनुष 3.0 की शुरुआत की।

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