भारतीय रेलवे की शानदार पहल, अब पानी की खाली बोतल देने पर आपको मिलेंगे पैसे

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नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए आए दिन कोई ना कोई योजनाएं निकालती ही रहती है. इस बीच रेलवे ने प्लास्टिक से बढ़ने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए एक नई योजना का पहल किया है. हाल ही में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रेलवे ने शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खोई से बनी प्लेटों से खाना परोसने की शुरुआत की. एक बार फिर से पर्यावरण को बचाने के लिए भारतीय रेलवे की तरफ से एक अहम पहल की गई है.

पर्यावरण को बचाने के लिए भारतीय रेलवे क्या है खास पहल

स्टेशनों को प्लास्टिक मुक्त करने का मकसद है रेलवे प्रशासन का. इस पहल की शुरुआत रेलवे ने वडोदरा रेलवे स्टेशन पर बोतल क्रशर मशीन लगवाने सी की है. इस पर रेलवे ने ज्यादा से ज्यादा बोतल को क्रश करने वाले यात्री को 5 रूपये कैशबैक देने की घोषणा की है. अगर इस योजना में थोड़ी सी भी सफलता दिखाई दी तो आने वाले सालों में देश के अन्य स्टेशन पर भी इस तरह की मशीनों को लगाने की कोशिश कराई जाएगी. रेलवे का अनुमान है कि इस योजना के लिए यात्री अपना समर्थन जरुर देंगे. हमारी इस पहल में अपना सहयोग बिलकुल देंगे.

indian railways installs plastic bottle crushers at vadodara station gives rs 5 as cashback on e wallet 3 news4social -

कैसे मिलेगा कैशबैक

अगर कोई भी यात्री सफर के दौरान वडोदरा स्टेशन से होकर गुजरता है तो वो वह पर लगी बोतल क्रशर मशीन में पानी की खाली बोतल डालने के बाद अपना मोबाइल नंबर मशीन में दर्ज कराएगा. इसके बाद मशीन में बोतल क्रश हो जाएगी और आपको 5 रूपये का कैशबैक मिल जायेगा. बता दें कि यहां कैशबैक आपके पेटीम वॉलेट में आएगा.

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पीयूष गोयल का ट्वीट

इस मौके पर रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट पर साझा करते हुए लिखा कि प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए एक छोटा सा कदम, विश्व पर्यावरण दिवस पर. उन्होंने आगे बताया कि रेलवे ने दिल्ली से चलने वाली चार शताब्दी और चार राजधानी ट्रेनों में जैविक रूप से नष्ट होने वाले पैकेज का इस्तेमाल शुरू किया है. वहीं अब आईआरसीटीसी गन्ने की पेरोई से निकले खोई का इस्तेमाल छुरी-कांटा और कंटेनर बनाने में करेगी. इंडियन रेलवे ने आपने एक बयान में कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है आने वाले समय में राजधानी, शताब्दी और दूरंतो ट्रेनों में भोजन परोसने के लिए खोई से बनी प्लास्टिक का उपयोग शुरू करने से है.