India UK Free Trade Agreement: चावल और टेक्सटाइल पर लगने वाले टैरिफ हटा सकता है यूके, जानिए भारत को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कितना फायदा!

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India UK Free Trade Agreement: चावल और टेक्सटाइल पर लगने वाले टैरिफ हटा सकता है यूके, जानिए भारत को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से कितना फायदा!

नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिवसीय दौरे पर भारत आए और पीएम मोदी से मिलकर कई बड़े फैसले किए। दोनों के बीच कई डील हुईं, जिससे देश के विकास में मदद मिलेगी। आज दोनों देशों के पीएम ने एक साझा बयान जारी किया, जिसमें बताया कि दोनों देशों के बीच क्या-क्या डील हुई हैं। इसके तहत एक बड़ा फैसला ये हुआ है कि भारत से यूके को चावल का जो निर्यात होता है, उस पर से यूके सरकार टैरिफ हटा सकती है। बता दें कि दोनों देशों की बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट इसी दिवाली तक फाइनल हो जाएगा।

किसानों और निर्यातकों दोनों को होगा फायदा
अगर यूके सरकार ने चावल पर लगने वाला टैरिफ हटाया तो इससे भारत से यूके होने वाला चावल का निर्यात बढ़ेगा, जिससे किसानों और निर्यातकों दोनों को ही फायदा होगा। यह भी कहा गया है कि टेक्सटाइल से भी टैरिफ हटाया जा सकता है। यानी भारत से यूके को होने वाला टेक्सटाइल निर्यात भी बढ़ेगा, जिससे किसानों को फायदा होगा।

अभी कितना होता है निर्यात?

ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मोहित सिंगला के अनुसार मौजूदा समय में यूके पूरी दुनिया से करीब 1.90 लाख टन चावल का आयात करता है। इसमें से करीब 60 टन चावल भारत से यूके जाता है। मौजूदा समय में भारत से यूके जाने वाले चावल पर 16.5 फीसदी की ड्यूटी लगती है, लेकिन अगर दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट फाइनल हो जाएगा तो यह ड्यूटी कम हो सकती है या फिर खत्म भी हो सकती है। ऐसे में भारत से यूके को चावल का निर्यात भी बढ़ने की उम्मीद है।

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अभी क्या आयात-निर्यात होता है दोनों देशों में?
भारत के लिए यूके 7वां सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार (आयात और निर्यात) 2009-20 से 2020-21 तक करीब 22.7 फीसदी बढ़कर 13.1 अरब डॉलर है। भारत से यूके के होने वाला सबसे अधिक रेडीमेड कपड़े, मेडिसिन और फार्मा प्रोडक्ट, रिफाइंड ऑयल और टेक्सटाइल फैब्रिक का निर्यात होता है। टॉप-3 एक्सपोर्ट सेवाएं बिजनस सेवाएं, प्रोफेशनल और मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सेवाएं और ट्रैवल की सेवाएं दी जाती है।

भारत में यूके से होने वाला आयात 2010 के 5.2 अरब डॉलर से घटकर 2020 में 4.7 अरब डॉलर हो गया है। प्रोडक्ट की बात करें तो यूके से भारत में मोती, कीमती पत्थर और मेटल, मशीनरी, मैकेनिकल अप्लाएंस जैसी चीजों का आयात होता है। सिर्फ इन्हीं चीजों का यूके से आयात कुल आयात का करीब 36 फीसदी है। इसके अलावा इलेक्ट्रिकल मशीनरी और इक्विपमेंट का आयात कुल आयात का 8.3 फीसदी है। वहीं आयरन और स्टील करीब 4.8 फीसदी है। इसके अलावा शिप, बोट और फ्लोटिंग स्ट्रक्चर करीब 4.5 फीसदी हैं। इतना ही नहीं, यूके से भारत में भारी मात्रा में शराब का आयात भी किया जाता है।

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