भारत ने कश्मीर मुद्दे पर UN की संस्था की इस रिपोर्ट पर जताया विरोध

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भारत ने सोमवार को जम्मू और कश्मीर की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के अधिकार कार्यालय की रिपोर्ट पर मजबूत राजनयिक विरोध दर्ज कराया। संयुक्त राष्ट्र की संस्था पर विरोध जताते हुए विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि रिपोर्ट केवल “झूठे और प्रेरित” कहानी का एक हिस्सा है।

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मानवाधिकार (OHCHR) के कार्यालय ने पाकिस्तान से निकलने वाले सीमा पार आतंकवाद के मूल मुद्दे की अनदेखी की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ”OHCHR की रिपोर्ट भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर में स्थिति पर पहले की झूठी और प्रेरित कहानी का एक हिस्सा है।”

UN human rights -

रवीश कुमार ने आगे कहा, “पाकिस्तान की ओर से किए गए सीमा पार आतंकवादी हमलों के वर्षों के दौरान पैदा हुई स्थिति का विश्लेषण’ किया गया है, और आतंकी वारदातें पाक द्वारा कैसे की जाती है इसका कोई वर्णन नहीं किया गया है। यह रिपोर्ट दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र भारत और एक ऐसा देश, पाकिस्तान, जो आतंकवाद को खुला संरक्षण देता है, के बीच एक समानता स्थापित करने का एक प्रयास है।”

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गौरतलब है कि पिछले साल OHCHR ने कश्मीर पर अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की थी और उसी के अपडेट में सोमवार को उसने दावा किया कि “भारत और पाकिस्तान ने कई चिंताओं को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।” रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर में “गंभीर मानव अधिकारों का उल्लंघन” किया गया हैं। हालांकि रिपोर्ट में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में महत्वपूर्ण मानवाधिकारों की चिंता की भी बात की गयी है।

रिपोर्ट में “अतीत और वर्तमान में चल रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और कश्मीर में लोगों को न्याय दिलाने” जैसे वाक्यो को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता के लिए भी कहा गया है।