India China Standoff News : अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, बॉर्डर पर तेजी से बढ़ा रहा सैन्य ठिकाने
हाइलाइट्स
- पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की तरफ से 50 हजार सैनिकों की तैनाती
- भारत ने सैनिकों के साथ ही हॉवित्जर और टैंकों को भी किया तैनात
- चीन ने दो S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल तैनात की है
नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव के 17 महीने हो चुके हैं। इस बीच चीन अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करते हुए एलएसी पर अधिक सैन्य शेल्टर का निर्माण कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि ताजा निगरानी और खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कम से कम आठ और आगे के स्थानों में अपने सैनिकों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर-आधारित शेल्टर का निर्माण किया है।
नए बने हुए सैनिक शेल्टर उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब ज़िल्गा से लेकर पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक हैं।यह एलएसी के सटे एरिया में दक्षिण की ओर जाता है। एक सूत्र ने कहा, “प्रत्येक स्थान में सात समूहों में 80 से 84 कंटेनर व्यवस्थित हैं।” ये नए शेल्टर पीएलए द्वारा पिछले साल अप्रैल-मई में सैन्य गतिरोध के बाद से बनाए गए ऐसे कई आवासों के अतिरिक्त हैं, जो स्पष्ट रूप से दिखाते करते हैं कि चीन का निकट भविष्य में फ्रंटलाइन से सैनिकों को हटाने का कोई इरादा नहीं है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लद्दाख में कॉम्बेट तैनाती की आंच महसूस कर रहे हैं, लेकिन हमने पीएलए को लंबे समय तक फ्रंटलाइन की तैनाती और व्यापक निर्माण के लिए मजबूर किया है। पैसे खर्च करने के अलावा, इसने चीनी सैनिकों के मनोबल को प्रभावित किया है। अधिकारी ने बताया कि जहां हमारे सैनिक दुर्गम पहाड़ी इलाकों में काम करने के अभ्यस्त हैं जबकि चीनी सैनिक नहीं हैं। भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम्स के साथ ही लगभग 50,000 सैनिकों की तैनाती की हुई है।
India China LAC Tension: पूर्वी लद्दाख में चीन ने भारतीय चौकियों के सामने तैनात किए T-15 टैंक
दोनों देशों के बीच एक असहज शांति के बीच, दोनों तरफ की सेनाएं ऊंचाई वाले दुर्गम और ऑक्सिजन की कमी वाले इलाके में अपने सैनिकों को रोटेट कर रहे हैं। इसके अलावा एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन तैनात कर रहे हैं। चीन ने 3,488 किलोमीटर एलएसी के साथ कई नई हवाई पट्टी और हेलीपैड भी बनाए हैं। इसके अलावा अपने प्रमुख हवाई अड्डों जैसे होटन, काशगर, गर्गुनसा (नगारी गुनसा), ल्हासा-गोंगगर और शिगात्से को अतिरिक्त लड़ाकू विमानों और हमलावरों को आधार बनाने के लिए अपग्रेड किया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया पहले ही इस बारे में खबर दे चुका है।
PLA ने भारत की तरफ से किसी भी तरह के हवाई हमले से निपटने के लिए कई अन्य एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम्स के अलावा, दो रूसी-मूल S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरी भी तैनात की हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा, “यह वर्तमान में गर्गुनसा में एस -400 सिस्टम से जुड़े ‘बिग बर्ड’ रडार की भी टेस्टिंग कर रहा है।” संयोग से, भारत को भी इसके द्वारा पांच एस -400 स्क्वाड्रनों की डिलीवरी शुरू करने की उम्मीद है।
हाइलाइट्स
- पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की तरफ से 50 हजार सैनिकों की तैनाती
- भारत ने सैनिकों के साथ ही हॉवित्जर और टैंकों को भी किया तैनात
- चीन ने दो S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल तैनात की है
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव के 17 महीने हो चुके हैं। इस बीच चीन अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करते हुए एलएसी पर अधिक सैन्य शेल्टर का निर्माण कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि ताजा निगरानी और खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कम से कम आठ और आगे के स्थानों में अपने सैनिकों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर-आधारित शेल्टर का निर्माण किया है।
नए बने हुए सैनिक शेल्टर उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब ज़िल्गा से लेकर पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक हैं।यह एलएसी के सटे एरिया में दक्षिण की ओर जाता है। एक सूत्र ने कहा, “प्रत्येक स्थान में सात समूहों में 80 से 84 कंटेनर व्यवस्थित हैं।” ये नए शेल्टर पीएलए द्वारा पिछले साल अप्रैल-मई में सैन्य गतिरोध के बाद से बनाए गए ऐसे कई आवासों के अतिरिक्त हैं, जो स्पष्ट रूप से दिखाते करते हैं कि चीन का निकट भविष्य में फ्रंटलाइन से सैनिकों को हटाने का कोई इरादा नहीं है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लद्दाख में कॉम्बेट तैनाती की आंच महसूस कर रहे हैं, लेकिन हमने पीएलए को लंबे समय तक फ्रंटलाइन की तैनाती और व्यापक निर्माण के लिए मजबूर किया है। पैसे खर्च करने के अलावा, इसने चीनी सैनिकों के मनोबल को प्रभावित किया है। अधिकारी ने बताया कि जहां हमारे सैनिक दुर्गम पहाड़ी इलाकों में काम करने के अभ्यस्त हैं जबकि चीनी सैनिक नहीं हैं। भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम्स के साथ ही लगभग 50,000 सैनिकों की तैनाती की हुई है।
India China LAC Tension: पूर्वी लद्दाख में चीन ने भारतीय चौकियों के सामने तैनात किए T-15 टैंक
दोनों देशों के बीच एक असहज शांति के बीच, दोनों तरफ की सेनाएं ऊंचाई वाले दुर्गम और ऑक्सिजन की कमी वाले इलाके में अपने सैनिकों को रोटेट कर रहे हैं। इसके अलावा एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन तैनात कर रहे हैं। चीन ने 3,488 किलोमीटर एलएसी के साथ कई नई हवाई पट्टी और हेलीपैड भी बनाए हैं। इसके अलावा अपने प्रमुख हवाई अड्डों जैसे होटन, काशगर, गर्गुनसा (नगारी गुनसा), ल्हासा-गोंगगर और शिगात्से को अतिरिक्त लड़ाकू विमानों और हमलावरों को आधार बनाने के लिए अपग्रेड किया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया पहले ही इस बारे में खबर दे चुका है।
PLA ने भारत की तरफ से किसी भी तरह के हवाई हमले से निपटने के लिए कई अन्य एंटी एयरक्राफ्ट सिस्टम्स के अलावा, दो रूसी-मूल S-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरी भी तैनात की हैं। एक अन्य सूत्र ने कहा, “यह वर्तमान में गर्गुनसा में एस -400 सिस्टम से जुड़े ‘बिग बर्ड’ रडार की भी टेस्टिंग कर रहा है।” संयोग से, भारत को भी इसके द्वारा पांच एस -400 स्क्वाड्रनों की डिलीवरी शुरू करने की उम्मीद है।