Hubli ruckus: ट्रकों से थाने पहुंचे ईंट-पत्थर, हुबली में जमकर हुआ पथराव, 12 पुलिस अधिकारी घायल… धारा 144 लागू

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Hubli ruckus: ट्रकों से थाने पहुंचे ईंट-पत्थर, हुबली में जमकर हुआ पथराव, 12 पुलिस अधिकारी घायल… धारा 144 लागू

हुबली: कर्नाटक के पुराने हुबली शहर में सोशल मीडिया (Social Media) पोस्ट को लेकर रविवार तड़के बड़ी संख्या में लोगों ने कथित रूप से हंगामा किया। उन्होंने पुलिस की गाड़ियों, नज़दीक स्थित एक अस्पताल और एक हनुमान मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, कुछ पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया। पुलिस ने बताया कि हुबली शहर में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है।

हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त लभू राम ने पत्रकारों से कहा कि लगभग 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। ड्यूटी पर तैनात हमारे 12 अधिकारी घायल हो गए और कुछ पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए हमने सभी एहतियाती कदम उठाए हैं। जिन लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया है, उन्हें हम नहीं बख्शेंगे। पुलिस आयुक्त ने बताया कि किसी व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिस पर अन्य लोगों ने आपत्ति जताई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एक मामला दर्ज कर उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया।

पत्थरों और ईंट का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें ट्रकों से लाया गया होगा- पुलिस
उन्होंने बताया कि कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर कुछ लोग थाने के आसपास जमा होने लगे। उन्हें समझाया गया और बाद में वहां से हटा दिया गया। अधिकारी ने बताया कि बीती रात एक बार फिर बड़ी संख्या में लोग थाने के आसपास जमा होने लगे। इस पर उन लोगों के नेताओं को थाने बुलाया गया और तब तक की गई कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया गया। पुलिस आयुक्त के मुताबिक, थाने के बाहर की भीड़ उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थी और वे उग्र हो गए। उन्होंने बताया कि भीड़ ने पथराव कर पुलिस की कुछ गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भारी संख्या में पत्थर जुटाये जाने से पुलिस को संदेह है कि अपराध में पत्थरों और ईंट का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें ट्रकों से लाया गया होगा।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे एक संगठित हमला करार दिया
नवनिर्मित विजयनगर जिले के जिला मुख्यालय शहर होसपेट में पत्रकारों से बात करते हुए, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे एक संगठित हमला करार दिया और कहा कि इसमें संलिप्त संगठनों को पता होना चाहिए कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बोम्मई ने कहा कि मैं साफ-साफ बताना चाहता हूं कि जो कोई भी कानून अपने हाथ में लेगा, हमारी पुलिस उनके (दंगाइयों) के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी। वे कोई भी हों… इसलिए, जो भी इसके पीछे हैं और भीड़ को उकसाया है, उन्हें दंडित किया जाएगा। मैं इस तरह की घटनाओं में शामिल संगठनों से कहना चाहता हूं कि वे कानून नहीं तोड़ें। कर्नाटक राज्य इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने लोगों से इस घटना को राजनीतिक रंग नहीं देने की भी अपील की और कहा कि इसे कानून व्यवस्था के विषय के रूप में देखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर थाने के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं तो निश्चित रूप से इसका मतलब है कि यह एक संगठित अपराध था।

यह पूर्व नियोजित हमला था- राज्य गृहमंत्री
राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि पुराना शहर थाने के निरीक्षक सहित कुछ पुलिस अधिकारी घटना में घायल हुए हैं। ज्ञानेंद्र ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी की हालत गंभीर है। हमले में शामिल कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह पूर्व नियोजित हमला था। हुबली में उपद्रवी देवरा जीवनहल्ली और कडुगोंडाहल्ली जैसी घटना को अंजाम देना चाहते थे। गृह मंत्री बेंगलुरु में 2020 में हुए दंगे का जिक्र कर रहे थे, जहां सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर करीब चार हजार मुसलमानों ने बेंगलुरु में पुलकेशी नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति और उनकी बहन के घर में आग लगा दी थी।

इन नेताओं ने क्या कहा
हुबली की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने मांग की कि सरकार को उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस घटना की निंदा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए समुदायों के बीच दरार पैदा करना उचित नहीं है। कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से साम्प्रदायिक कड़ाही उबल रही है। हुबली की घटना से पता चलता है कि हमने अतीत से कोई सबक नहीं सीखा है।



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