हाइलाइट्स:
- अपोलो, मैक्स, गंगाराम जैसे बड़े हॉस्पिटल में ऑक्सिजन को लेकर काफी दिक्कत
- राजधानी के आधा दर्जन से अधिक प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सिजन खत्म
- हाईकोर्ट ने केंद्र से दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सिजन सप्लाई सुनिश्चित करने को कहा
नई दिल्ली
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के साथ ही दिल्ली के कई हॉस्पिटल में ऑक्सिजन की किल्लत हो गई है। स्थिति यह है कि राजधानी के सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी महज कुछ ही घंटे का स्टॉक बचा हुआ है। अपोलो, मैक्स, गंगाराम जैसे बड़े हॉस्पिटल में ऑक्सिजन को लेकर काफी दिक्कत हो रही है। दिल्ली के टॉप हॉस्पिटल गुरुवार को ऑक्सिजन स्टॉक की कमी को लेकर जूझते रहे। इनकी ओर से अपील तक की गई। मैक्स हॉस्पिटल की ओर से तो ऑक्सिजन को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। (टेबल में आंकड़े गुरुवार रात के हैं.)
इससे पहले कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण शहर के अनेक अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार ओडिशा से हवाई मार्ग से ऑक्सिजन मंगाने के प्रयास कर रही है। केजरीवाल ने दिल्ली में कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए राजधानी का ऑक्सिजन का कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली हाईकोर्ट का शुक्रिया अदा किया। सीएम ने कहा कि सप्लाई राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचने लगी है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लिए चिकित्सीय ऑक्सिजन की रोजाना की मात्रा 378 मीट्रिक टन निर्धारित थी जिसे बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन कर दिया गया है और इसके लिए उन्होंने केंद्र का शुक्रिया अदा किया। साथ ही कहा कि अनुमान के मुताबिक, दिल्ली को रोज 700 मीट्रिक टन ऑक्सिजन की जरूरत है।

केजरीवाल ने कहा, ”हमने दिल्ली में ऑक्सिजन सिलेंडरों की भारी कमी का सामना किया है। दिल्ली सरकार अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों में ऑक्सिजन की व्यवस्था करने की कोशिश में पलक झपकाए बिना दिन-रात काम कर रही है।” उन्होंने दावा किया कि दूसरे राज्यों में यह समस्या सामने आई कि यहां ऑक्सिजन उत्पादक ऑक्सीजन सिलेंडरों को दिल्ली नहीं आने दे रहे।
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