Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी | Health insurance is now more important than ever | Patrika News

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Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी | Health insurance is now more important than ever | Patrika News

Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी | Health insurance is now more important than ever | Patrika News

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पहले से मौजूद बीमारियां भी हो सकती है कवर
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश जैन का कहना है कि जोखिम का मूल्यांकन करने और इंश्योरेंस कंपनी द्वारा मंजूर किए जाने के अधीन आपके हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा पहले से मौजूद बीमारियों को कवर किया जा सकता है, लेकिन ऐसी पॉलिसी पर न्यूनतम प्रतीक्षा अवधि लागू होगी। इस प्रतीक्षा अवधि के दौरान पॉलिसीधारक इनमें से किसी भी वर्तमान, पहले से मौजूद बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को क्लेम नहीं कर सकता। यह रवैया डॉक्टर की फीस और दवाओं की लागत पर भी अपनाया जाता है, जो वर्तमान इलाज के लिए जरूरी हो सकती हैं। प्रतीक्षा अवधि को प्रभावित करने वाले कारकों में बीमारी की वर्तमान स्थिति, बीमारी की गंभीरता और सबसे महत्वपूर्ण चीज खुद बीमाकर्ता भी शामिल है। यह सलाह दी जाती है कि अपने बीमाकर्ता को बुद्धिमत्तापूर्वक चुनें और किसी अन्य प्रदाता को पोर्ट करने की स्थिति में मौजूदा प्रतीक्षा अवधि पूरी होने का इंतजार करें।

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बीमारियों को छिपाने से बचना चाहिए
अपनी वर्तमान या पिछली बीमारियों को छिपाने से बचना चाहिए, क्योंकि इसे मिस-डेक्लेयरेशन या गलत-डेक्लेयरेशन के रूप में लिया जा सकता है और इसके नतीजे में पॉलिसी खत्म की जा सकती है और प्रीमियम जब्त हो सकते हैं। इसीलिए पॉलिसी खरीदते समय या पोर्ट करते वक्त बीमाकर्ता को पहले से मौजूद अपनी बीमारियों के बारे में सही जानकारी देना अहम हो जाता है। यदि वर्तमान बीमारियों की सूची का पूर्ण रूप से खुलासा नहीं किया जाता, तो मिस-डेक्लेयरेशन-नॉन-डिस्क्लोजर की बिना पर तमाम दावे खारिज किए जा सकते हैं।

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इंश्योरेंस कंपनियों के उत्पादों पर रिसर्च करें
विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों के बारे में रिसर्च करें। कुछ बीमाकर्ता प्रस्तावक की पूरी मेडिकल हिस्ट्री देखते है, जबकि चंद कंपनियां केवल हाल की हिस्ट्री का मूल्यांकन करती है और थोड़ी प्रीमियम राशि बढ़ाकर प्रतीक्षा अवधि को भी घटा देती हैं। यदि उपलब्ध हो, तो रीइंस्टेटमेंट प्लान वाला विकल्प चुनने की सलाह दी जाती है, जो पॉलिसी लैप्स हो जाने की स्थिति में पॉलिसी का परेशानी मुक्त रिन्यूवल सुनिश्चित करेगा। यहां तक कि मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने वाले लोग भी पर्याप्त हेल्थ कवर के जरिए खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।

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हॉस्पिटलाइजेशन की औसत लागत के बारे में सोचे हालांकि कोई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनते समय आपको हमेशा उस शहर में हॉस्पिटलाइजेशन की औसत लागत के बारे में सोचना चाहिए, जहां आप रह रहे हैं। उदाहरण के लिए किसी टियर 1 शहर के मुकाबले टियर 2 शहर में हॉस्पिटलाइजेशन की लागत कम हो सकती है। इस प्रकार किसी टियर 2 शहर में रहने और उसी शहर में इलाज कराने की योजना बनाने वाला व्यक्ति जोन के मुताबिक प्रीमियम का भुगतान कर सकता है और अतिरिक्त छूट भी हासिल कर सकता है। हालांकि यदि वह व्यक्ति इसके बजाय किसी टियर 1 शहर में अपना इलाज करवाता है, तो यह सब लागू नहीं होगा। अंतिम लेकिन सबसे अहम बात, कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले सभी उपलब्ध विकल्पों पर शोध करना और भविष्य में किसी भी परेशानी से बचने के लिए पहले की अपनी तमाम बीमारियों का खुलासा करना सर्वोत्तम बात होती है।



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