Haryana news : जी-23 और कांग्रेस नेतृत्व के बीच बने सेतु, हरियाणा चुनाव की तैयारी में ‘लालों’ की छुट्टी करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा

160

Haryana news : जी-23 और कांग्रेस नेतृत्व के बीच बने सेतु, हरियाणा चुनाव की तैयारी में ‘लालों’ की छुट्टी करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इन दिनों कांग्रेस के अंदर असंतुष्ट खेमे यानी जी-23 और नेतृत्व के बीच ‘पुल’ के रूप में देखा जाने लगा है। वह जी-23 और नेतृत्व- दोनों में बराबर असर रखते हैं। ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आजाद की मुलाकात से एक दिन पहले, इस समूह के सदस्य भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था।

हरियाणा की राजनीति में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को एक ऐसे नेता के तौर पर देखा जाता है, जिसने सूबे की सियासत में ‘तीन लालों’ के वर्चस्व को खत्म किया। ये लाल थे- देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल। हुड्डा ने पूर्व डेप्युटी पीएम देवीलाल को तीन बार लोकसभा चुनाव में हराया।

भूमिकपुत्र कहे जाते हैं हुड्डा
कांग्रेस हाईकमान ने 2005 चुनाव जीतने के बाद हुड्डा को सीएम बनाया। कांग्रेस में हुड्डा की गिनती बचे-खुचे कुछ ऐसे नेताओं में होती है, जिनका आज भी जमीनी आधार मजबूत है। राज्य में सबसे बड़ा जाट चेहरा माने जाने वाले हुड्डा को ‘भूमिपुत्र’ कहा जाता है। उन्होंने ब्लॉक स्तर से राजनीति का ककहरा पढ़ते हुए सफर शुरू किया और धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए प्रदेश के सीएम बने। फिर केंद्र सरकार में भी कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं।

जूझारूपन विरासत में
स्वतंत्रता सेनानी पिता का बेटा होने के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा को संघर्ष और जुझारूपन विरासत में ही मिला था, जिसे सैनिक स्कूल की शिक्षा ने नई धार दी। पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन करने बाद हुड्डा ने डीयू से लॉ की पढ़ाई की। वह हरियाणा और पंजाब बार काउंसिल के सदस्य भी रहे हैं। देश को आजादी मिलने के ठीक एक महीने बाद रोहतक जिले में जन्मे हुड्डा को राजनीति के अलावा अगर किसी चीज का शौक है तो खेलों का।

हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
हरियाणा में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य की खेल नीति उन्हीं की सरकार की देन है। वह खुद भी बैडमिंटन और टेनिस में हाथ आजमाते हैं। वेटरन टेनिस प्रतियोगिता में वह भारत का प्रतिनिधित्व कर चैंपियनशिप जीत चुके हैं। फिलहाल हुड्डा हरियाणा असेंबली में नेता प्रतिपक्ष हैं। वह 2005 से 2014 तक लगातार दो बार सीएम रहे।

डेढ़ महीने पहले ही प्रचार कमिटी ने दिया था मौका
सूबे के इतिहास में 1972 के बाद वह दूसरे ऐसे नेता रहे, जिसकी अगुवाई में पार्टी लगातार दूसरी बार जीत कर सत्ता में आई। 2019 में चुनाव से महज डेढ़ महीने पहले हाईकमान ने उन्हें प्रचार कमिटी का चेहरा बनाया, और इतने कम वक्त में उन्होंने पार्टी को कांटे की टक्कर देने की हालत में ला दिया।

मनमोहन सिंह सरकार के दौरान उन्हें खेती में उत्पादकता बढ़ाने के लिए गठित एक वर्किंग ग्रुप का अध्यक्ष भी बनाया गया था। विवादों से भी हुड्डा का गहरा नाता रहा है। हरियाणा में इनकी सरकार में हुए कई भूमि घोटालों की भी आंच इन तक पहुंची है।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News