Haryana capital issue : चंडीगढ़ लेने के लिए पंजाब को माननी होंगी हरियाणा की तीन शर्तें, जानें विधानसभा के स्पेशल सत्र में क्या प्रस्ताव हुआ पास?

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Haryana capital issue : चंडीगढ़ लेने के लिए पंजाब को माननी होंगी हरियाणा की तीन शर्तें, जानें विधानसभा के स्पेशल सत्र में क्या प्रस्ताव हुआ पास?

चंडीगढ़ : चंडीगढ़ पर पंजाब विधानसभा में पेश हुए प्रस्ताव के खिलाफ हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार बुलाया गया। सत्र में शामिल होने वाले विधायी कार्यों और अजेंडे को लेकर सुबह 10 बजे स्पीकर की अध्यक्षता में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सीएम मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला, विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा, गृह मंत्री अनिल विज तथा संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल गुर्जर मौजूद रहे। सरकार के गृहमंत्री अनिल विज ने विधानसभा में तीन शर्तें रखीं। उन्होंने कहा जब तक ये तीन शर्तें पूरी नहीं होंगी चंडीगढ़ हरियाणा की भी राजधानी रहेगा।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, ‘हरियाणा तब तक चंडीगढ़ में रहेगा जब तक हमें नई राजधानी की स्थापना के लिए एसवाईएल का पानी, हिंदी भाषी क्षेत्र और केंद्र से पैसा नहीं मिल जाता।’

पंजाब सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव
पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को लेकर जहां सात बार प्रस्ताव पारित हो चुके हैं, वहीं हरियाणा विधानसभा में चंडीगढ़, एसवाईएल, अलग हाईकोर्ट जैसे मुद्दों को लेकर 12 बार प्रस्ताव पारित हो चुके हैं। पंजाब ने चंडीगढ़ पर अपना पूरा अधिकार जमाते हुए प्रस्ताव पास किया है। ऐसे में हरियाणा ने भी चंडीगढ़ को लेकर प्रस्ताव पास किया। साथ ही, पंजाब सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी हरियाणा विधानसभा में रखा गया।

हरियाणा भी अड़ा
इन सबसे आगे बढ़ते हुए हरियाणा विधानसभा में एसवाईएल नहर निर्माण और हिंदी भाषी क्षेत्रों को लेकर भी चर्चा हुई। पंजाब और हरियाणा के बीच राजधानी, हिंदी भाषी क्षेत्र और एसवाईएल को लेकर चल रहा विवाद गरमाया हुआ है। अब हरियाणा ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी तीनों शर्तें पूरी नहीं होंगी, चंडीगढ़ पूरी तरह से पंजाब को नहीं मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट कह चुका है यह बात
एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा में पक्ष में आ चुका है। इस फैसले को क्रियान्वयन करवाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई हुई है। सुप्रीम कोर्ट दोनों राज्यों को मिल बैठकर नहर निर्माण का रास्ता निकालने के निर्देश भी दे चुका है। साथ ही, केंद्र सरकार को भी इस बाबत निर्देश दिए हुए हैं।

पंजाब में प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व वाली पूर्व की अकाली और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार भी एसवाईएल पर प्रस्ताव पास कर चुकी है। अब पंजाब में आप सरकार के चंडीगढ़ को लेकर उठाए ताजा कदम से दोनों राज्यों की सियासत गरमाई हुई है।

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