रेसलिंग के बादशाह खली के बारे में 10 रोचक बातें

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असली नाम दिलीप सिंह राणा
द ग्रेट खली के नाम से मशहूर भारतीय मूल के डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर का असली नाम दिलीप सिंह राणा है। वो रेसलिंग में आने से पहले पंजाब पुलिस में काम करते थे। खली का सीना 56 इंची नहीं, बल्कि 63 इंची है। ये भारतीय रिकॉर्ड है।

शाकाहारी हैं खली
द ग्रेट खली खाने-पीने के मामले में बाकी के पहलवानों से बिल्कुल उलट हैं। विशुद्ध शाकाहारी हैं। वो नॉन-वेज से दूर रहते हैं तो शराब को हाथ तक नहीं लगाते। डोपिंग के मामले में खली का रिकॉर्ड बेहद साफ-सुथरा है। कभी तंबाकू तक का इस्तेमाल नहीं किया।

हिंदू देवी काली की प्रेरणा से पड़ा खली नाम
दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली का नाम हिंदू देवी काली के नाम पर पड़ा है, जो आंतरिक शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।

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दुनियां के सबसे लंबे खिलाड़ी
खली रेसलिंग की दुनिया के सबसे लंबे खिलाड़ी हैं। खली की लंबाई 7 फुट 1 इंच है। उनकी ये लंबाई उन्हें बाकियों पर भारी रखती है। खली का वजन 157 किलो है, जो लगभग 347 पाउंड के बराबर है।

पहले जॉयंट सिंह नाम से लड़ते थे
दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली ने प्रो रेसलिंग में पहली बार 7 अक्टूबर 2000 में कदम रखा था। वो शुरुआती सालों में दिलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली नहीं, बल्कि जायंट सिंह नाम से रिंग में उतरते थे। इसका मतलब होता है भीमकाय शरीर का मालिक।

एक्रोमेगली नाम की बीमारी से पीड़ित
खली सामान्य शरीर के मालिक नहीं हैं, न ही वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वो बचपन से ही एक्रोमेगली नाम की बीमारी से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से उनका शरीर असाधारण तरीके से भीमकाय है। इसी रोग की वजह से उनका चेहरा भी कुछ ‘अजीब’ दिखता है।

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दादजी जैसी कद-काठी
एक्रोमेगली नाम की बीमारी से पीड़ित द ग्रेट खली का पूरा परिवार साधारण कद काठी का है। पर खली के दादा जी की लंबाई 6 फुट 6 इंच थी।

लंबाई से होती थी परेशानी
द ग्रेट खली अपने किशोरावस्था में अपने भारी भरकम शरीर की वजह से परेशान रहते थे। खली ने स्वीकार किया है कि ज्यादा लंबी कद-काठी की वजह से उन्हें शर्म आती थी।

दो बार रह चुके हैं मिस्टर इंडिया
खली पंजाब पुलिस में रहते हुए बॉडी-बिल्डिंग करते थे। खली सन 1997 और 1998 में मिस्टर इंडिया रह चुके हैं।

रेसलिंग में जाने से किया था मना
पंजाब पुलिस के तत्कालीन एडीजीपी एन एस भुल्लर ने खली को रेसलिंग में जाने से मना किया था। साथ ही वो खली के विदेश जाने के फैसले से भी सहमत नहीं थे।