Gopalganj Upchunav 2022 : तेजस्वी को मात देने की तैयारी में मामी इंदिरा, वोट पर चोट करने के लिए मामा साधु यादव तैयार, पढ़ें
गोपालगंज : बिहार विधानसभा की गोपालगंज और मोकाम सीट पर उपचुनाव होना है। कहा जा रहा है कि ये चुनाव महागठबंधन सरकार के लिए मानक तय करने वाला होगा। इस चुनाव की सफलता के आईने में महागठबंधन सरकार का कम दिनों का ही सही, लेकिन शासनकाल देखा जाएगा। गोपालगंज लालू का गृह जिला है। तेजस्वी यादव के लिए गोपालगंज जीतना जरूरी है। इस सीट पर मुख्य फाइट बीजेपी और महागठबंधन के उम्मीदवार के बीच है। लेकिन, तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव महागठबंधन के चुनावी समीकरण को फेल करने में लगे हुए हैं।
साधु यादव बिगाड़ेंगे खेल
गोपालगंज से तेजस्वी यादव की मामी और साधु यादव की पत्नी इंदिरा चुनाव लड़ने वाली हैं। सियासी जानकारों की मानें, तो साधु की पत्नी महागठबंधन के वोटरों को प्रभावित करेंगी। कुल मिलाकर महागठबंधन का वोट विभाजित हो जाएगा। साधु यादव ने अपनी पत्नी को मैदान में उतार दिया है। हालांकि, वे एनबीटी से बातचीत में महागठबंधन के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते दिखे। गोपालगंज उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। लेकिन अभी तक महागठबंधन ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
पिछली बार भी बिगाड़ा था खेल
अनिरुद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव पिछली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। वे यहां पर दूसरे नंबर पर थे। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुभाष सिंह यादव को कड़ी टक्कर देने वाले साधु यादव पिछली बार 41 हजार से ज्यादा वोट लाकर दूसरे नंबर पर थे। साधु यादव का गोपालगंज की राजनीति में खास दबदबा है। लालू यादव के साले साधु यादव गोपालगंज से सांसद रह चुके हैं। विधायक रह चुके हैं और पूर्व एमएलसी भी हैं।
तेजस्वी की मामी चुनाव मैदान में
इस बार साधु यादव अपनी पत्नी इंदिरा यादव को चुनाव लड़ा रहे हैं। साधु का दावा है की गोपालगंज के विकास को लेकर वे एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। साधु यादव महागठबंधन के बारे में खुलकर बोलने से कतरा रहे है। ऐसा क्यों है। साधु यादव का कहना है की उनका मुकाबला महागठबंधन से नहीं है बल्कि, बीजेपी से हैं। क्योंकि वे पिछली बार थोड़े से वोटो से हार गए थे। इसलिए उनका फोकस इस बार जीत दर्ज करने की है। कितना वोट से जीत दर्ज करेंगे यह जनता तय करेगी। साधु कितनी भी सियासी सफाई दे लें, लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि साधु यादव की पत्नी को जो भी वोट मिलेंगे, वो महागठबंधन के खाते वाले वोट ही होंगे। इस तरह मामा-मामी ना चाहते हुए भी तेजस्वी को हराने का ही काम करेंगे।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
साधु यादव बिगाड़ेंगे खेल
गोपालगंज से तेजस्वी यादव की मामी और साधु यादव की पत्नी इंदिरा चुनाव लड़ने वाली हैं। सियासी जानकारों की मानें, तो साधु की पत्नी महागठबंधन के वोटरों को प्रभावित करेंगी। कुल मिलाकर महागठबंधन का वोट विभाजित हो जाएगा। साधु यादव ने अपनी पत्नी को मैदान में उतार दिया है। हालांकि, वे एनबीटी से बातचीत में महागठबंधन के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते दिखे। गोपालगंज उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। लेकिन अभी तक महागठबंधन ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
पिछली बार भी बिगाड़ा था खेल
अनिरुद्ध प्रसाद यादव उर्फ साधु यादव पिछली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे। वे यहां पर दूसरे नंबर पर थे। भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुभाष सिंह यादव को कड़ी टक्कर देने वाले साधु यादव पिछली बार 41 हजार से ज्यादा वोट लाकर दूसरे नंबर पर थे। साधु यादव का गोपालगंज की राजनीति में खास दबदबा है। लालू यादव के साले साधु यादव गोपालगंज से सांसद रह चुके हैं। विधायक रह चुके हैं और पूर्व एमएलसी भी हैं।
तेजस्वी की मामी चुनाव मैदान में
इस बार साधु यादव अपनी पत्नी इंदिरा यादव को चुनाव लड़ा रहे हैं। साधु का दावा है की गोपालगंज के विकास को लेकर वे एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। साधु यादव महागठबंधन के बारे में खुलकर बोलने से कतरा रहे है। ऐसा क्यों है। साधु यादव का कहना है की उनका मुकाबला महागठबंधन से नहीं है बल्कि, बीजेपी से हैं। क्योंकि वे पिछली बार थोड़े से वोटो से हार गए थे। इसलिए उनका फोकस इस बार जीत दर्ज करने की है। कितना वोट से जीत दर्ज करेंगे यह जनता तय करेगी। साधु कितनी भी सियासी सफाई दे लें, लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि साधु यादव की पत्नी को जो भी वोट मिलेंगे, वो महागठबंधन के खाते वाले वोट ही होंगे। इस तरह मामा-मामी ना चाहते हुए भी तेजस्वी को हराने का ही काम करेंगे।